_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 021)*_
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_*☝🏻अक़ीदा :- क़ुर्आन मजीद अल्लाह की किताब होने पर अपने आप दलील है कि अल्लाह तआला ने खुद एलान के साथ फ़रमाया है कि :*_
_*📝तर्जमा :-अगर तुमको इस किताब में जो हमने अपने सबसे खास बन्दे हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) पर उतारी कोई शक हो तो उसकी मिस्ल (तरह) कोई छोटी सी सूरत कह लाओ। और अल्लाह के सिवा अपने सब हिमायतियों को बुलाओ अगर तुम सच्चे हो तो।*_
_*अगर ऐसा न कर सको और हम कह देतें हैं हरगिज ऐसा न कर सकोगे तो उस आग से डरो जिसका ईधन आदमी और पत्थर है जो काफिरों के लिए तैयार की गई है।*_
_*लिहाजा काफिरों ने उस के मुकाबिले में जान तोड़ कोशिश की मगर उसके मिस्ल एक सूरत न बना सके।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 13*_
_*🖋तालिब-ए-दुआ : मुशाहिद रज़ा & (टीम)*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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