_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 060)*_
―――――――――――――――――――――
_*☝🏻अक़ीदा :- फ़िरिश्ते अनगिनत हैं उनकी गिनती वही जाने जिसने उन्हें पैदा किया है और अल्लाह के बताये से उसके प्यारे महबूब जानते हैं वैसे चार फिरिश्ते बहुत मशहूर हैं :*_
_*1- हज़रते जिब्रईल अलैहिस्सलाम*_
_*2- हज़रते मीकाईल अलैहिस्सलाम*_
_*3- हज़रते इसराफ़ील अलैहिस्सलाम*_
_*4- हज़रते इजराईल अलैहिस्सलाम*_
_*यह फ़िरिश्ते दूसरे सारे फ़िरिश्तों से अफ़जल हैं। किसी फिरिश्ते के साथ कोई हल्की सी गुस्ताखी भी कुफ़्र है। जाहिल लोग अपने किसी दुश्मन या ऐसे को देखकर जिस पर गुस्सा आये उसे देखते ही कहते है कि 'मलकुल मौत या इज़राईल' आ गया। लेकिन उन जाहिलों को खबर नहीं कि यह कलिमा कुफ़्र के करीब है।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 25*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment