_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 061)*_
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_*☝🏻अक़ीदा : फ़िरिश्तों के बारे में यह अक़ीदा रखना या जुबान से कहना कि फ़िरिश्तों का वुजूद नहीं है या यह कहना कि फरिश्ता नेकी की कुव्वत का नाम है और इसके सिवा कुछ नहीं यह दोनों बातें कुफ़्र हैं।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 25*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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