_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 062)*_
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_*जिन्न का बयान*_
_*अल्लाह तआला ने जिन्नों को आग से पैदा किया। इनमें बाज को यह ताकत दी है कि जो शक्ल चाहे बन जायें। इनकी उम्रे बहुत ज्यादा होती हैं। इनके शरीरों को शैतान कहते हैं। यह सब इन्सान की तरह अक्ल वाले रूह और जिस्म वाले हैं। इनकी औलादें भी होती है खाते पीते हैं जीते मरते हैं।*_
_*☝🏻अक़ीदा - इनमें मुसलमान भी हैं और काफिर भी मगर इनके कुफ़्फ़ार इन्सानों का बनिस्बत बहुत ज्यादा हैं और इनमें नेक मुसलमान भी हैं और फासिक भी है, बदमजहब भी। इनमें फ़ासिकों की तादाद इन्सानों से ज्यादा है।*_
_*☝🏻अक़ीदा - जिन्नों के वुजूद का इन्कार करना या उनको बदी की कुव्वत का नाम देना कुफ़्र है।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 25/26*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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