_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 083)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
☝️ *( 21 ) दज्जाल का जाहिर होना : - दज्जाल अपने आप को खुदा कहेगा जो उस पर ईमान लायेगा और उसे खुदा मान लेगा वह उसे अपनी जन्नत में डालेगा और जो उसे खुदा मानने से इन्कार करेगा उसको वह अपने जहन्नम में डाल देगाा दज्जाल मुर्दै जिलायेगा ज़मीन उसके हुक्म से सब्जे उगायेगी वह आसमान से पानी बरसायेगा लोगों के जानवर खूब लम्बे चौड़े तैयार और दूध वाले हो जायेंगे और जब वह वीरान जंगलों में जायेगा तो शहद की मक्खियों की तरह दल के दल जमीन के खजाने उसके साथ हो जायेंगे इसी किस्म के वह बहुत से करतब और करिश्में दिखलायेगा लेकिन हक़ीक़त में कुछ भी न होगा यह सब जादू और शैतानों के करश्मेि और तमाशे होंगे इसलिए दज्जाल के वहाँ से जाते ही लागों के पास कुछ न रहेगा दज्जाल जब हरमैन शरीफैन में जाना चाहेगा तो फ़रिश्ते उसका मुँह फेर देंगे*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 31*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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