Monday, August 26, 2019

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  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 082)*_
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                *आखिरत और हश्र का बयान*

☝️ *( 19 ) दरिन्दे जानवर आदमी से बात करेंगे  कोड़े की फुची और जूते के फीते भी बात करेंगे   जब आदमी बाजार जायेगा तो जो कुछ उसके घर में हुआ होगा जूते के तस्मे उससे बतायेंगे । यहाँ तक कि इन्सान की रान भी इन्सान को खबर देगी*

*( 20 ) जलील और गंवार लोग जिनको तन का कपड़ा और पाँव की जूतियाँ नसीब न थी बड़े बड़े  महलों में गुरूर के साथ रहेंगे*

*( 21 ) दज्जाल का जाहिर होना : - दज्जाल चालीस दिन में ( हरमैन शरीफैन के अलावा ) सारी दुनिया फिरेगा चालीस दिन में पहला दिन साल भर के बराबर होगा दूसरा दिन महीने भर के बराबर तीसरा दिन हफ्ते के बराबर और बाकी दिन चौबीस घन्टे के होंगे दज्जाल आँधी तूफान की तरह तेजी के साथ जैसे बादल को हवा उड़ाती हो सैर करेगा   उसका फितना बहुत सख्त होगा     उसके साथ एक आग होगी और एक बाग दज्जाल जहा जायेगा उसके साथ यह दोनों चीजें जायेंगी  आग को वह जहन्नम बतायेगा और बाग को जन्नत लेकिन जो देखने में आग होगी और जिसे जहन्नम समझा जायेगा वही हक़ीक़त में आराम की जगह होगी और जो देखने में बाग होगा वह हक़ीक़त में आग होगी*



_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 31*_

_*📮जारी रहेगा.....*_
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