_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 070)*_
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_*☝🏻अक़ीदा - दफ्न करने वाले जब दफ्न कर के चले जाते हैं तो मुर्दे उनके जूतों की आवाज़ सुनते हैं। उस वक्त उनके पास दो फिरिश्ते अपने दातों से जमीन चीरते हुऐ आते हैं। उनकी शक्ल निहायत डरावनी और नीली देग के बराबर शोले की तरह होती हैं। उनके सर से पाव तक डरावने बाल होते हैं। उनके दात कई हाथ के होते हैं जिनमें वह जमीन चीरते हुए आयेगें। इन दोनो फिरिश्तों में से एक को 'मुनकर' और दुसरे को 'नकीर' कहते हैं। यह फ़िरिश्ते मुर्दे को झिंझोड़ कर झिड़क कर उठाते हैं और बहुत सख्ती के साथ सख्त आवाज़ में मुर्द से सवालात करते हैं।*_
_मुर्दे से पहला सवाल यह किया जाता है कि :-_
_*📝तर्जमा :- तेरा रब कौन है ?*_
_फरिश्ते दुसरा सवाल यह करते हैं कि :-_
_*📝तर्जमा :- तेरा दीन क्या है?*_
_और मुर्दे से तीसरा सवाल यह किया जाता है कि :-_
_*📝तर्जमा- (दुनियां में) इनके बारे में तु क्या कहता था।*_
_मुर्दा अगर मुसलमान हैं तो पहले सवाल के जवाब में कहेगा :-_
_*📝तर्जमा :- मेरा रब अल्लाह है।*_
_दुसरा सवाल का जवाब यह देगा कि :-_
_*📝तर्जमा : मेरा दीन इस्लाम है।*_
_और तीसरे सवाल का जवाब मोमिन और मुसलमान मुर्दा यह देगा कि :-_
_*📝तर्जमा :- वह तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हैं।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 28*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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