_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 071)*_
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_*फिरिश्ते उससे पुछेंगे कि यह सब चीजे तुझे किसने बताई तो वह जवाब देगा मैंने अल्लाह की किताब पढ़ी और किताब को सच्चा समझ कर उस पर ईमान लाया। कुछ और रिवायतों में यह है कि फ़िरिश्ते सवालों के जवाब पाकर यह कहेंगे कि हमें तो पता था कि तू यही कहेगा।*_
_*उस वक्त एक आवाज़ आयेगी कि मेरे बन्दे ने सच कहा। इसके लिए जन्नत का बिछौना बिछाओ जन्नत का लिबास पहनाओ इस के लिए जन्नत की तरफ एक दरवाजा खोल दो जन्नत की हवा और खुशबु उसके पास आती रहेगी और जहा तक नज़र फैलेगी वहीं तक उसकी कब्र खोल दी जाएगी और इससे कहा जायेगा कि तू इस तरह सो जा जैसे दुल्हन सोती है। यह खास लोगों के लिए है। लेकिन अल्लाह चाहे तो आम मोमिनीन के लिए भी इसी तरह का आराम मिल सकता है। हाँ कब्र का फैलाव मर्तबों और दजों के लिहाज से अलग अलग है। कुछ ऐसे हैं जिनकी कब्रे सत्तर सत्तर हाथ लम्बी चौड़ी हो जाती हैं। कुछ ऐसे हैं कि उनकी कब्रे इससे भी ज्यादा लम्बाई चौडाई में बढ़ा दी जाती है कि जहाँ तक उनकी निगाह पहुंचे और मोमिन गुनहगार पर उनके गुनाह के लाइक अज़ाब भी होगा। फिर वह अल्लाह की रहमत, अपने बड़े बड़े पीरों मजहबे इस्लाम के इमाम या अल्लाह के वलियों की शफाअत से अगर अल्लाह चाहे तो नजात पायेंगे।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 28*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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