_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 081)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
☝️ *( 11) लोगों पर ज़कात देना भारी होगा लोग जकात को तावान जुर्माना समझेंगे*
*( 12 ) कुछ लोग इल्मे दीन पढेंगे लेकिन दीन के लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिये*
*( 13 ) मर्द अपनी औरत का फ़रमाँबरदार होगा*
*( 14 ) औलादें अपने माँ बाप की नाफरमानी करेंगी*
*( 15 ) लड़के अपने दोस्तों से मेल जोल रखेंगे और माँ बाप से जुदा हो जायेंगे*
*( 16 ) लोग मस्जिदों में दुनिया की बेकार बातें करेंगे और चिल्लायेंगे*
*( 17 ) गाने बजाने की ज़्यादती होगी*
*( 18 ) लोग अगले लोगों पर लानत करेंगे और उन्हें बुरा कहेंगे*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 31*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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