_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 102)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
*इस गर्मी में प्यास का यह हाल होगा कि जुबाने सूख कर काँटा हो जायेंगी । और मुँह से बाहर निकल आयेंगी । दिल उबल कर गले को आ जायेंगे । हर एक को उसके गुनाह के मुताबिक सज़ा मिलेगी । जिसने चाँदी सोने की ज़कात न दी होगी उस माल को गर्म कर के उसकी करवट , पेशानी और पीठ पर दाग दिया जायेगा । जिसने जानवर की ज़कात न दी होगी उसके जानवर क़ियामत के दिन खूब मोटे ताज़े होकर आयेंगे और उस आदमी को वहाँ लिटा कर वह जानवर अपने सींग से मारते और अपने पैरों से रौंदते हुए उस पर से उस वक़्त तक गुज़रते रहेंगे जब तक कि लोगों का हिसाब खत्म हो*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 35*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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