_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 103)*_
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_*आखिरत और हश्र का बयान*_
_*इसी तरह और दूसरी सज़ायें होंगी । फिर यह कि इन मुसीबतों में कोई एक दूसरे का पूछने वाला न होगा भाई से भाई भागता दिखाई देगा । माँ बाप औलाद से पीछा छुड़ायेंगे अलग बीवी बच्चे अलग जान चुरायेंगे । हर एक अपनी मुसीबत में गिरफ्तार होगा । कोई किसी का मददगार न होगा । उस वक्त हज़रते आदम अ़लैहिसलाम को हुक्म होगा कि वह दोज़खियों की जमाअ़त अलग करें । वह पूछेगे कि कितने में से कितनों को अलग करूँ ? अल्लाह फ़रमायेगा कि हर हज़ार से नौ सौ निन्नानवे*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 35*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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