_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 127)*_
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_*जन्नत का बयान*_
_*अगर कोई यह चाहे कि उसके औलाद हो तो औलाद होगी लेकिन आन की आन में बच्चा तीस साल का हो जायेगा । जन्नत ' में न तो नींद आयेगी और न कोई मरेगा क्यूँकि जन्नत में मौत नहीं । हर जन्नती जब जन्नत में जायेगा तो उसको उसके नेक कामों के मुताबिक मर्तबा मिलेगा और अल्लाह के करम की कोई थाह नहीं । फिर जन्नतियों को एक हफ्ते के बाद इजाज़त दी जायेगी कि वह अपने परवरदिगार की जियारत करें । फिर अल्लाह का अर्श ज़ाहिर होगा और अल्लाह तआला . जन्नत के बागों में से एक बाग में तजल्ली फरमायेगा । जन्नतियों के लिये नूर के , मोती के याकूत के , जबरजद के , सोने के और चाँदी के मिम्बर होंगे । और कम से कम दर्जे के जन्न्ती मुश्क और काफूर के टीले पर बैठेंगे । और उनमें आपस में अदना और आला कोई नहीं होगा ।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 43*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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