_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 111)*_
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_*आखिरत और हश्र का बयान*_
_*अल्लाह तआ़ला किसी से पुछेगा कि ऐ फुलाने क्या मैंने तुझे इज़्ज़त न दी क्या तुझे सरदार न बनाया ? और क्या तुझे घोड़े ऊँट वगैरा का मालिक न बनाया ? और जो कुछ भी उसे अता किया गया । होगा वह सब उसे याद दिलाया जायेगा । वह सब का इकरार करेगा । फ़िर अल्लाह पूछेगा कि क्या तुझे मुझ से मिलने का ध्यान था ? वह कहेगा कि नहीं । तब अल्लाह फ़रमायेगा कि जब तूने मुझे भुला दिया तो हम भी तुझे अज़ाब में डालते हैं । कुछ काफ़िर ऐसे भी होंगे कि जब अल्लाह तआ़ला अपनी दी हुई दौलतों को उन्हें याद दिला कर उनसे पूछेगा कि तुमने क्या किया*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 37*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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