_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 112)*_
―――――――――――――――――――――
_*आखिरत और हश्र का बयान*_
_*तो वह जवाब देंगे कि हम तेरे हुक्म को मानते हुए तुझ पर तेरी किताबों और तेरे रसूलों पर । ईमान लाये । नमाजें पढ़ीं , रोज़े रखे , सदके दिये और बहुत से नेक कामों की फेहरिस्त खुदा के सामने । पेश करेंगे । अल्लाह , तआ़ला फ़रमायेगा । अच्छा रूको तुम पर गवाह पेश होंगे । काफिर अपने जी में सोचेगा कि कौन गवाही देगा । लेकिन अल्लाह के हुक्म से उनके मुँह पर ताले पड़ जायेंगे और उनके जिस्म और बंदन के हर हिस्से को हुक्म होगा कि बोल चलो । उस वक़्त उनकी रान, हाथ पाँव, गोश्त, पोस्त, हड्डियाँ वगैरा सब गवाही देंगे और उनके सारे बुरे करतूत अल्लाह के सामने पेश करेंगे। अल्लाह उन्हें जहन्नम में डाल देगा।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 37*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment