_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 121)*_
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_*जन्नत का बयान*_
_*जन्नत एक मकान है जिसे अल्लाह तआ़ला ने ईमान वालों के लिये बनाया है उसमें ऐसी ऐसी नेमतें रखी गई हैं जिनको न आँखों ने देखा न कानों ने सुना और न कोई उन नेमतों का गुमान कर सकता है यानी बै देखे वर्ना देख कर तो आप ही जानेंगे , तो जिन्होंने दुनियावी हयात की हालत में मुशाहदा किया वह इस हुक्म से अलग हैं खास हुजूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैहि वसल्लम इसलिए जन्नत की कोई मिसाल दी ही नहीं जा सकती क्योंकि काबा शरीफ जन्नत से आला है और हुजूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैहि वसल्लम की तुर्बत तो काबा बल्कि अर्श से भी अफ़ज़ल है मगर यह दुनिया की चीजें नहीं । हाँ जिन्होंने अल्लाह के करम से अपनी दुनियावी ज़िन्दगी में जन्नत को देखा है वह जानते हैं कि जन्नत में क्या क्या चीजें हैं और उसमें कितना आराम है ।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 40*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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