_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 109)*_
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_*आखिरत और हश्र का बयान*_
_*फिर तो शफाअ़त का सिलसिला शुरू हो जायेगा यहाँ तक कि जिसके दिल में राई के दाने के बराबर भी ईमान होगा उसे भी शफाअ़त कर के जहन्नम से निकालेंगे । और जो सच्चे दिल से । मुसलमान हो और उसका कोई नेक अ़मल न हो उसे भी दोज़ख से निकालेंगे । फिर तमाम नबी अपनी अपनी उम्मतों के लिए शफाअ़त करेंगे । फिर वली , शहीद , आलिम , हाफिज़ और हाजी लोग शफाअ़त करेंगे बल्कि हर वह आदमी अपने अपने रिश्तेदारों की शफाअ़त करेगा जिसको कोई दीनी दर्जा या मरतबा अ़ता किया गया हो नाबालिग बच्चे जो मर गये है अपनी बाप माँ की शफाअ़त करेंगे यहाँ तक कि कुछ लोग आलिमों के पास जाकर कहेंगे कि हमने आप के लिए एक वक्त़ वुजू के लिये पानी दिया था । कोई कहेगा कि हमने आपको इस्तिन्जे के लिये ढेले दिये थे तो आलिम उनकी भी शफाअ़त करेंगे*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 37*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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