_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 136)*_
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_*दोज़ख का बयान*_
_*जब सब जन्नती जन्नत में दाखिल हो जायेंगे और जहन्नम में सिर्फ वही रह जायेंगे जिन को हमेशा के लिए उस में रहना है । उस वक़्त जन्नत और दोज़ख के बीच ' मौत ' को मेंढे की शक्ल में लाकर खडा किया जायेगा । फिर जन्नत वालों को पुकारा जायेगा । वह डरते हुए झाँकेंगे कि कहीं ऐसा न हो कि यहाँ से निकलना पड़े फिर जहन्नमियों को आवाज़ दी जायेगी वह खुश होते हुए झाँकेंगे कि शायद उन्हें इस मुसीबत से छुटकारा मिल जाये । फिर जन्नतियों और जहन्नमियों को वह मेदा दिखाकर पूछा जायेगा कि क्या तुम लोग इसे पहचानते हो ? तो जवाब में सब कहेंगे कि हाँ यह मौत है तो फिर वह मौत ज़िबह कर दी जायेगी और कहा जायेगा कि ऐ जन्नत वालों हमेशगी है अब मौत नहीं आयेगी और ऐ दोज़ख वालों ।तुम्हें अब हमेशा जहन्नम ही में रहना है और अब तुम्हें भी मरना नहीं है उस वक़्त जन्नतियों के लिए बेहद खुशी होगी और जहन्नमियों को बेइन्तिहा गम ।*_
_*📝तर्जमा : - " दीन दुनिया और आख़िरत में हम अल्लाह से माफ़ी और आफियत का सवाल करते है " ।"*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 46/47*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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