Thursday, October 3, 2019



    _*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 008 📕*_
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                  _*[ निकाह कहाँ करें ]*_

_*📚 [ हदीस :-]....उम्मुलमोमेनीन हज़रत आएशा सिद्दीक़ा, हज़रत अनस बिन मालिक, हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने ऊमर [ रदिअल्लाहो तआला अन्हा ] से रिवायत है। कि हुज़ूर अक़दस ﷺ ने इरशाद फरमाया-----*_

_*📚 "अपने नुत्फे़ [ शादी के लिए ] अच्छी जगह तलाश करो, अपनी बिरादरी में ब्याह हो, और बिरादरी से ब्याह कर लाओ कि औरतें अपने ही कुन्बे [बिरादरी] के मुशाबा [मिलते हुए बच्चे पैदा करती है।]*_

_*📕 इब्ने माज़ा, जिल्द नं 1, हदीस नं 2038, सफा नं 549, बयहक़ी शरीफ़, व हाकिम*_

_*इस हदीसे पाक से पता चलता है कि अपनी ही बिरादरी में शादी करना बेहतर है। अपनी ही बिरादरी में निकाह करने के बहुत से फायदे हैं जैसे----*_

_*(1)औलाद अपनी बिरादरी के लोगों के चेहरे से मिलती जुलती पैदा होंगी जिस की वजह से दूसरे लोग देखते ही पहचान लेंगे कि यह सैय्यद है, यह पठान है, यह शैख है वगैरह।*_

_*(2) दूसरा यह फ़ायदा है कि बिरादरी की गरीब लड़कियों की जल्द से जल्द शादी हो जाएगी, और शादी मे खर्च कम होंगे!*_

_*(3) तीसरा फायदा यह है कि अपनी ही बिरादरी की लड़की हो तो वह  बिरादरी के तौर तरीके, घर के रहन सहन तहजीब व तमद्दुन से पहले से ही  जानकार होती है लिहाज़ा घर में झगड़े ना इत्तेफ़ाक़ियां का माहोल पैदा नही होगा!*_

_*(4) चौथा फ़ायदा यह है कि बिरादरी की ऐसी लड़कियाँ जो देखने दिखाने में ज़्यादा खूबसूरत नहीं होती उनकी भी शादी हो जाएेगी । अक्सर देखा गया है कि लोग दूसरे बिरादरी की खूबसूरत लड़कियों को ब्याह कर लाते हैं। जब के उनके बिरादरी की बद सूरत लड़कियाँ कुंवारी रह जाती है और बहुत सी लड़कियों की जब शादी नही हो पाती तो वह किसी बदमाश, आवारा, मर्द के साथ भाग जाती है या फिर तरह तरह की बुराइयों में फँस जाती है यही वजह है कि बिरादरी में ही शादी करना बेहतर बताया गया।*_

_*📚 [ हदीस :-]....हज़रत इमाम बुखारी [ रदिअल्लाहो तआला अन्हो ] रिवायत करते हैं। कि------*_

_*👉🏻  "और मुस्तहब [ अच्छा बेहतर ] है के अपनी नस्ल के बेहतर औ़रत चुने लेकिन यह वाज़िब नही" [ सिर्फ मुस्तहब  है ]*_

_*📕 बुखारी शरीफ, जिल्द नं 3, बाब नं 41, सफा नं 56*_

_*📚 [ हदीस :-]....हज़रत अनस [ रदि अल्लाहु तआला अन्हो ] से रिवायत है। कि नबी-ए-करीमﷺ ने इरशाद फरमाया-----*_

_*👉🏻 "अच्छी नस्ल में शादी करो [रगे खुफ़या काम करती है ]"*_

_*📕 दारक़ुत्नी शरीफ, बहवाला इराअतुल अदब लेफ़ाज़िलिल नसब, सफा नं 26, अज़ :- आला हज़रत*_

_*📚 [ हदीस :-]...और फरमाते है आक़ा ﷺ ------*_

_*📚 "घोड़े की हरयाली से बचो, बुरी नस्ल में खूबसूरत औरतों से,"*_

_*📕 दारक़ुत्नी शरीफ, बहवाला इराअतुल अ़दब लेफ़ाज़िलिल नसब, सफा नं 26, अज़ :- आला हज़रत*_

              _*लड़की का खूबसूरत होना ही काफ़ी नही बल्कि ख़ूबी तो येह है कि लड़की पर्दादार,  नमाज़ रोज़े की पाबंद हो, उसका खानदान  रहेन-सेहन, तहज़ीब व अख़्लाक, मे और ख़ास तौर पर मज़हबी अक़ाएद मे बेहतर हो  (बिल खुसुस सहीउल अकीदा सुन्नी हो) । अगर आपने यह सब चीजों को देख कर निकाह किया तो आप .की दुनिया व आख़िरत कामयाब है और आगे ऐसी लड़की के जरिए, फ़रमांबरदार, मज़हबी और दुनियावी ख़ूबियों वाली बेहतर नस्ल जन्म लेती है। चुनान्चे सरकारे दो आलमﷺ  ने हमें यही हुक़्म दिया है।*_

_*📚 [ हदीस :- ]....हज़रत अबूह़ुरैरा व हज़रत जाबिर [ रदिअल्लाहो तआला अन्हुम ] से रिवायत है। कि हुज़ूर अकरमﷺ ने इरशाद फरमाया-----*_

             _*💎 "औरत से चार चीजों की वजह से निकाह किया जाता है। उसके दौलत, उसके खानदान, उसके हुस्न व ज़माल, और उसके दीनदार होने की वजह से, लेकिन तू दीनदार औरत को हासिल कर"!*_

_*📕 बुखारी शरीफ, जिल्द नं 3, सफा नं 59, तिर्मिज़ी शरीफ. जिल्द नं 1, सफा नं 555*_

_*📚 [ हदीस :-]....नबी-ए-करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया-----*_

           _*"औरतों से उनके हुस्न के सबब से शादी न करो हो सकता है उनका हुस्न तुम्हें तबाह कर दे, न उन से माल की वजह से शादी करो हो सकता है उनका माल तुम्हें गुनाहो मे मुब्तला न कर दे, बल्कि दीन की वजह से निकाह किया करो। काली चपटी, बदसूरत लौन्डी अगर दीनदार हो तो बेहतर है।"*_

_*📕 इब्ने माज़ा, जिल्द नं 1, हदीस नं 1926, सफा नं 522*_

                _*इमाम ग़ज़ाली  [ रदि अल्लाहु तआला अन्हो ] इरशाद फरमाते है----*_

              _*"अगर कोई औरत खूबसूरत तो है मगर दीनदार व परहेज़गार व पारसा नही तो बुरी बला है----बद मिज़ाज औरत, ना शुक्रगु़जार, और ज़बान दराज़ होती है और मर्द पर बेजा हुकूमत करती हैं, ऐसी औरत के साथ जिन्दगी बदमज़ा हो जाती है और दीन में ख़लल पड़ता है।"*_

_*📕 कीमीया-ए-सआ़दत, सफा नं 260*_

                _*याद रखिये अगर आप ने सिर्फ ऐसी लड़की से निकाह किया जो माल व दौलत (जहेज) ख़ूब  साथ लाई और खूबसूरत भी बहुत थी लेकिन दीनदार नही और न ही तहज़ीब व इख़्लाक के मामले में बेहतर, तो आप उस के साथ यक़ीनन एक अच्छी और खु़शहाल जिन्दगी नहीं गुज़ार सकते, ऐसी लड़की की वजह से घर में हमेशा तनाव रहता है और आखिर कार माँ, बाप, से दूर होना पड़ जाता है इसलिए जहां आप खूबसूरती, माल व दौलत, को देखते है। इन सब से ज़्यादा जरूरी है कि आप उस का इख़्लाक, उस का खानदान और खास तौर से दीनदार है कि नही येह जरूर देखें, तभी आप कामयाब ज़िन्दगी के मालिक बन सकते हो।*_

            _*अगर एक खूबसूरत लड़की में येह सब खूबियां नही और उसके उलट किसी बदसूरत लड़की में दीनदारी है तो वोह बदसूरत लड़की उस खूबसूरत लड़की से बेहतर है।*_

                 _*अक्सर हमारे भाई दौलतमन्द, फै़शन प्रस्त  लड़की पर  मरते हैं और दौलत को बहुत अ़हमियत देते हैं जब के  दौलत से ज़्यादा दीनदारी को अ़हमियत देनी चाहिए।*_

_*📚 [ हदीस :- ]....हुज़ूर अकरमﷺ ने इरशाद फरमाया----*_

_*💎 "जो कोई ज़माल (ख़ूबसूरती) या माल व दौलत की ख़ातिर किसी औरत से निकाह करेगा----तो वोह दोनों से मेहरूम रहेगा और जब दीन के लिए निकाह करेगा तो दोनों मकसद पूरे होंगे"*_

_*📕 कीम्या-ए-सआ़दत, सफा नं 260*_

_*📚 [ हदीस :-]..और फरमाया रसूलुल्लाह ﷺ ने----*_

_*💎 "औरत की तलब दीन के लिए ही करनी चाहिए जमाल (खूबसूरती) के लिए नही"।*_

                _*इसके माना यह है कि सिर्फ़ खूबसूरती के लिए निकाह न करें। न यह कि खूबसूरती ढ़ून्डे़ ही नहीं, अगर निकाह करने से सिर्फ़ औलादें हासिल करना और सुन्नत पर अ़मल करना ही किसी शख़्स का मक़सद है खूबसूरती नहीं चाहता तो येह परहेज़गारी है।*_

_*📕 कीमीया-ए-सआ़दत, सफा नं 260*_

_*💎 [ आयत :-]....अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त इरशाद फरमाता है----*_

_*💎 तर्जुमा :-....अगर वह फक़ीर (गरीब) हो तो अल्लाह उन्हें ग़नी कर देगा। अपने फज़्ल के सबब*_

_*📕 तर्जुमा :- कन्जुल इमान, पारा 18, सूरए "नूर", आयत नं 32*_

           _*लिहाजा अगर किसी लड़की में दीनदारी ज़्यादा हो चाहे वोह कितनी ही गरीब क्यों न हो उससे शादी करना बेहतर है क्या अज़ब के अल्लाह तआला उससे शादी करने की और उस की बरक़त से आप को भी दौलत से नवाज़ दे । आप को उस नेक व गरीब लड़की से वोह ही खुशी व सुकून मिल सकता है जो एक दौलतमन्द बद मिज़ाज, मार्डन (modern) फ़ैशन की परस्त लडकी से नही मिल सकता! हाँ अगर कोई  लडकी दौलतमन्द होने के साथ-साथ ही दीनदार, नेक सिरत, अच्छे अख़्लाक वाली हो, पर्दादार हो और  ऐसी  लडकी कोई शादी करे तो यह यकीनन बडी खुश नसीबी की बात है बेशक अल्लाह तआला माल व दौलत, व चेहरों को नही देखता बल्कि तक़वा व परहेज़गारी को देखता है।*_

_*बाकी अगले पोस्ट में....*_

_*📮 जारी रहेगा इंशा'अल्लाह....*_
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