Thursday, October 3, 2019



    _*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 011 📕*_
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    _*🔵 [मंगनी या निकाह का पैग़ाम] 🔵*_

_*💎  [ आयत :- ].... अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त इरशाद फरमाता है-----*_

_*💎 तर्जुमा..... और तुम पर गुनाह नही इस बात मे जो पर्दा रख कर (पर्दे के साथ) तुम औरतों के निकाह का पयाम दो----*_

_*📕 कुरआन कन्जुल इमान, पारा 2, सूरह ए बखरा, आयत नंबर 235*_

_*....जब किसी लड़की या औरत से शादी का इरादा हो तो उसे शादी का पैग़ाम देने से पहले यह जरूर देख ले के उस लड़की या औरत को किसी और शख्स (इस्लामी भाई) ने पहले से ही तो पैग़ाम नही दिया है या उस की लडकी की मंगनी तो नही हो गयी है।*_
   
            _*....अगर किसी और ने उस लड़की को निकाह का पैग़ाम दिया है या उसके रिश्ते की बात किसी के मुताल्लीक  चल रही हो तो उसे हरगिज़  पैग़ाम न दे के इसे इस्लामी शरीअ़त मे सख्त नापसंद किया गया है चुनांचे हदीस पाक में है*_

_*📚  [ हदीस :- ].... हज़रत अबू ह़ुरैरा व हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर [रदि अल्लाहु तआला अन्हुम ] से रिवायत है। कि हुज़ूरे अकरमﷺ ने इरशाद फरमाया-------*_

_*💫 "कोई शख्स (आदमी) अपने इस्लामी भाई के पैग़ाम पर उसी लडकी को निकाह का पैग़ाम न दे!  यहां तक कि पहला खुद इरादा तर्क कर दे, या उसे पैग़ाम भेजने की इज़ाज़त दे"।*_

_*📕 बुखारी शरीफ, जिल्द 3, सफा 78, मोता शरीफ, जिल्द 2, सफा 415*_

             _*मंगनी असल मे निकाह का वादा है! अगर यह न भी हो तो तब भी कोई हर्ज नही! लिहाजा बेहतर तो यही है के मंगनी की रस्म (Engagement) के नाम पर होनेवाली कुरापात को  बिल्कुल ही खत्म कर दीया जाए, उसकी कोई जरुरत नही है! आजकल उसे एक जरुरी रस्म बना लिया गया है!और उसे शादी की तरह निभाते है, शादी की तरह उसमे खर्च करते है! इस रस्म मे रुपयो की बरबादी के सिवा कुछ नही! लिहाजा इस रिवाज को छोडना ही बेहतर है! मुरवज्जा मंगनी की रस्म मे मुसलमानो मे इंतेहाई मुबालेगा पाया जा रहा है! गालीबन यह रस्म हमने हिंदुस्तान मे गैरमुस्लीमो से अपनाई है! क्यो के इस अंदाज से रस्म की अदायगी सिवाए भारत और पाक के अलावा कही नही पाई जाती है! बल्की अरबी और फारसी जुबान मे इसका (रस्म) का कोई नाम भी नही है!(मसलन मंगनी, सगाई, कढाई और साख वगैरह!)*_

            _*(वल्हाहु तआला आलम)*_

          _*अगर मंगनी करना जरूरी ही समझते है, तो उसे निहायत सादगी के साथ अदा करे! जिससे के माशरे के गरीब मुसलमान भाई अहसास ए कमतरी और हिन भावना का शिकार  होने से बच जाए!*_

_*बाकी अगले पोस्ट में....*_

_*📮 जारी रहेगा इंशा'अल्लाह....*_
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