_*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 016 📕*_
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_*💫 [ लडकी की राज़ामन्दी ] 💫*_
_*📚 [ हदीस :- ]....हज़रत इब्ने अब्बास [रदिअल्लाहु तआला अन्हु] से रिवायत है। के.....*_
_*हुजुर ﷺ ने जब अपनी साहबज़ादी हज़रत फातिमा [ रदि अल्लाहु तआ़ला अन्हा ] का निकाह हज़रत अली [रदि अल्लाहु तआला अन्हु] से करने का इरादा फरमाया तो आप हज़रत फातिमा [ रदि अल्लाहु तआ़ला अन्हा ]के पास के पास तशरीफ लाए और इरशाद फरमाया, "अली तुम्हारा जिक़्र करते हैं"। [यानी निकाह का पैग़ाम भेजा है]।*_
_*📕 मुस्नदे इमामे आ़ज़म, बाब नं 122, सफा नं 213*_
_*यह इज़ाज़त हासिल करने का निहायत ही बेहतर तरीक़ा है जो पैग़ाम के वक़्त ज़रूरी है। और वैसे भी साफ खुले अल्फाजों में पूछना हिजाब व हया के ख़िलाफ़ मअ़लूम होता है। ऐसे बहुत से अल्फाज़ है जो इज़ाज़त लेते वक़्त दबे लफ़्ज़ो में कह सकते है । जैसे फलां लड़का तुम्हारा ज़िक्र करता है, फलां तुम पर बहुत मेहरबान है, फलां तुम्हारे लिए बेहतर है, फलां को तुम्हारी ज़रूरत है, फलां का पैग़ाम तुम्हारे लिए है, वगैरह वगैरा, (जहाँ जहाँ "फलां" लिखा है वहां लड़के या का नाम ले!*_
_*इसका साफ मक्सद यह है की लडकी का जिससे निकाह हो रहा है उसको वह पहले से जानती भी हो और उसे देखा भी हो! वर्ना गैर मालुम शख्स के बारे मे इजजात लेना बेकार है!*_
_*💫 मसअला लड़की या औरत से इज़ाज़त लेते वक्त़ जरूरी है की जिसके साथ निकाह करने का इरादा हो उसका नाम इस तरह ले की लडकी या औरत जान सके। अगर यूं कहा एक मर्द या लडके शादीकर दूंगा। या फलां क़ौम के एक शख्स से निकाह कर दूंगा। यह जाइज़ नही और यह इज़ाज़त सही भी नही*_
_*📕 कानूने शरीअ़त, जिल्द 2, सफा नं 54*_
_*बाकी अगले पोस्ट में....*_
_*📮 जारी रहेगा इंशा'अल्लाह....*_
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