_*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 027 📕*_
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_🎁🎁 *दूल्हे को तोहफ़े* 🎁🎁_
👉🏻 _*.... लड़की को जहेज (तोहफा) देना सुन्नत है मगर ज़रुरत से ज़्यादा देना क़र्ज लेकर देना दुरूस्त नहीं है। जहेज के लिये भी कोई हद होनी चाहीए के जिसकी हर गरीब और अमीर पाबंदी करे! अमीरो को चाहीये के वह अपनी बेटीयों को बहुत ज्यादा जहेज न दे, सजा-सजा कर और दिखाकर जहेज देना बिल्कुल मुनासीब नही, नामवारी (अपना नाम करने की) लालच मे अपने घर को आग न लगाए! याद रखीये के नाम और इज्जत तो अल्लाह तआला और रसुलुल्लाह की पैरवी मे है!*_
🔥🔥 *_लड़के वालो को चाहीये लडकी वाले अपनी हैसियत के मुताबिक जिस क़दर भी जहेज (तोहफा) दें उसे खुशी खुशी कु़बूल करले! जहेज दरअसल तोहफा है, किसी किस्म की तिजारत (Business) नही है! लडके वालो का अपनी तरफ से मांग करना की यह चिज दो, वह चिज दो किसी हटधर्म भीखारी के भीख माँगने से किसी तरह कम नही है।_*
_✍🏻 *[मसअ़ला :-].... जहेज के तमाम माल पर ख़ास औरत का हक़ है। दूसरे का उस मे कुछ हक़ नही है।*_
_📕 *फ़तावा-ए-रज़वीया, जिल्द नं 5, सफा नं 529*_
👉🏻 _*.... हमारे मुल्क में यह रिवाज़ हर क़ौम में पाया जाता है। कि निकाह के बाद दुल्हन वाले दूल्हे को तोहफ़े देते हैं जिसमे कपड़े का जोड़ा, सोने की अंगूठी, घड़ी वगै़रा होती है तोहफ़े देने में कोई हर्ज़ नहीं लेकिन इसमें चंद बातों की एहतियात ज़रूरी है। मसलन आप जो अँगूठी दूल्हे को दे वोह सोने की न हो।*_
_*[मसअ़ला :-].... मर्द को किसी भी धातु का ज़ेवर पहेनना जाइज नही है। इसी तरह मर्द को सोने की अंगूठी पहेनना भी हराम है। औरत को सोने की अंगूठी व जे़वर पहेनना जाइज़ है। मर्द सिर्फ़ चांदी की अंगूठी ही पहेन सकता है। लेकिन उसका वज़न 4 माशा से कम होना चाहिए । दूसरी धातें मस्लन लोहा, पीतल, ताँबां, जस्त, वगै़रा इन धातु की अँगूठी मर्द और औरत दोनो को पहेनना ना जाइज़ है।*_
_📕 *कानूने शरीअ़त, जिल्द नं 2, सफा नं 196*_
_📚 *[हदीस :-].... एक शख़्स हुज़ूर ﷺ की ख़िदमत में पीतल की अँगूठी पहेन कर हाजिर हुए। सरकार ने इरशाद फरमाया.. "क्या बात है कि तुम से बुतों की बू आती है" उन्होंने वोह अँगूठी फेंक दी। "फिर दूसरे दिन लोहे की अँगूठी पहेन कर हाजिर हुए। फरमाया.... क्या बात है कि तुम पर जहन्नमियों का जे़वर देखता हूँ"। अर्ज किया............ या रसूलुल्लाह ! फिर किस चीज़ की अँगूठी बनाऊँ ! इरशाद फरमाया....... चाँदी की और उसको साढ़े चार माशे से ज़्यादा न करना।*_
_📕 *अबूूदाऊद शरीफ, जिल्द नं 2, बाब नं 292, हदीस नं 821, सफा नं 277*_
_✍🏻 *[मसअ़ला :-].... मर्द को दो अंगूठियां चाहे चाँदी ही की क्यों न हो पहेनना नाजाइज़ है। इसी तरह एक अँगूठी में कई नग या साढ़े चार माशा से ज़्यादा वज़न हो तो इस तरह की अँगूठी भी पहेनना ना जाइज़ है। व गुनाह है*_
_📕 *अहकामे शरीअ़त, जिल्द नं 2, सफा नं 160*_
👉🏻 _*.... लिहाजा दूल्हे को सोने की अँगूठी न दे। इस के बजाए उस की की़मत के बराबर कोई और तोहफा या सिर्फ़ चाँदी की एक अँगूठी साढ़े चार माशा से कम वज़न की ही दे वरना देने वाला और उसे पहेनना वाला दोनो गुनाहगार होंगे।*_
👉🏻 _*....मुम्क़िन है कि आप के दिल में यह खयाल आए के अगर चाँदी की अँगूठी देंगे तो लोग क्या कहेंगे? किस कदर बदनामी होगी वगै़राह वगै़राह। तो होश़ियार ! यह सब शैतान के वसवसे है। वह इसी तरह बदनामी का खौफ दिला कर लोगों से गल़त काम करवाता है। हम आप से एक सीधी सी बात पूछते हैं कि आपको अल्लाह व उस के रसूल की खुशीनुदी (खुशी) चाहिए कि लोगों की वाह ! वाह ! सोंचिंए और अपने जमीर मे ही इस का जवाब तलब कीजिए।*_
_*.... अब आइये हम आप को घड़ी के मुत्अ़ल्लिक़ भी कुछ ज़रूरी व अहम मालूमात दें।*_
_✍🏻 *[मसअ़ला :-].... सरकार सय्यदी आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खाँ [रदिअल्लाहु तआला अन्हु] अपने एक फ़तवे में इरशाद फरमाते है।------*_
💎 _*"घड़ी की जंजीर (चैन) सोने चाँदी की मर्द को हराम है। और दूसरी धातों [जैसे लोहा, स्टील, पीतल, वगै़रा] की मम्नूअ़, इन सब को पहेन कर नमाज़ [पढ़ना] और इमामत़ करना मक़रूहे तहरीमी [ना जाइज़ व गुनाह] है।*_
_📕 *अहकामे शरीअ़त, जिल्द नं 2, सफा नं 170*_
_✍🏻 *[मसअ़ला :- .... हुज़ूर मुफ़्ती-ए-आज़मे हिन्द [रहमतुल्लाह अलैह] ने अपने फ़तवे में इरशाद फरमाते है।.....*_
💎 _*"वोह घड़ी जिस की चैन सोने, या चाँदी, या स्टील, वगै़रा किसी धातु की हो, उस का इस्तेमाल ना जाइज़ है। और उस को पहन कर नमाज़ पढ़ना गुनाह और जो नमाज़ पढी (वाजीबुल-ऐआद) है! यानी इस नमाज को दोबारा पढना वाजीब है वरना गुनाहगार होंगा!*_
_📕 *बाहवाला माहनामा इस्तेक़ामत़ कानपुर, जनवरी 1978*_
👉🏻 _*....इस लिए हमेशा वही घड़ी पहेने जिस का पट्टा (चैन) चमड़े, प्लास्टिक, या रेगज़ीन का ही हो। स्टील या किसी और धातु का न हो। और शादी के मौके पर भी अगर घड़ी देना ही हो तो सिर्फ़ चमड़े, या प्लास्टिक, के पट्टे वाली ही घड़ी दें।*_
_*बाकी अगले पोस्ट में....*_
_*📮 जारी रहेगा इंशा'अल्लाह....*_
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