Thursday, October 3, 2019




    _*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 041 📕*_
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         _*🍺नशे की हालत में सोहबत 🍻*_

📚 *_हदिस : उम्मुल मोमिनिन उम्मे सलमा रदि अल्लाहु तआला अन्हा इरशाद फरमाती है........_*

💎     *_रसुलुल्लाह ﷺ ने हर चिज जो नशा लाए, की अक्ल मे फुतुर डाले हराम फरमाई है!_*

💫 *_इसी तरह व्हिस्की, बियर, ताडी, गांजा, ब्राउन शुगर वगैराह जितनी भी ऐसी चिजे है, जिन से नशा आता हो वह हराम है_*

        _*🌹🌹ख़ुशबू का इस्तेमाल 🌹🌹*_

 👉🏻 *_सोहबत से पहले ख़ुशबू लगाना बेहतर है। ख़ुशबू सरकारे मदीना ﷺ को बहुत पसन्द थी। आप हमेशा ख़ुशबू का इस्तेमाल किया करते थे ताकि हम ग़ुलाम भी सुन्नत पर अ़मल करने की नियत से ख़ुशबू लगाया करे। वरना इस बात से किसी को शक व शुबाह नही कि आप का वजूदे मुबारक़ खुद ही महेकता रहता और आप का मुबारक़ पसीना खुद काएनात की सबसे बेहतरीन ख़ुशबू है। सोहबत से पहले भी ख़ुशबू का इस्तेमाल करना अच्छा है ख़ुशबू से दिल व दिमाग को सुकून मिलता है और सोहबत करने में दिलचस्पी बढ़ती है।_*

📚 *_हदीस : हाफीजुल हदीस हज़रत इमाम क़ाज़ी फुजैल अयाज़ उन्दुलुसी मालीकी  [रदि अल्लाहु तआला अन्हु] अपनी मशहूर किताब "शिफ़ा शरीफ़" में इरशाद फरमाते है......_*

     👉🏻 *_....हुज़ूर ﷺ को ख़ुशबू बहुत ज़्यादा पसंद थी। रहा आप का ख़ुशबू इस्तेमाल करना तो वह इस वजह से था कि आप की बारगा़ह में मलाएका (फ़रीश्ते) हाजिर होते थे। और दूसरी वजह येह है कि ख़ुशबू जिमा और असबाबे जिमा में  मुईन और मददगार है! खुशबु आपको बिज्जात महेबुब नही थी! बल्की बिल वास्ता यानी शहावत का जोर कम करने की गरज से महेबुब थी! वरना  हक़ीक़ी मुहब्बत तो आप को ज़ाते बारी तआला  के साथ ख़ास मख्सुस थी।_*

📕 *_शिफ़ा शरीफ, जिल्द नं 1, सफा नं 154_*

*👉🏻 _लेकिन यह याद रहे कि सिर्फ़ इत्र का ही इस्तेमाल करे अफसोस के आज कल ख़ालिस इतर का मिलना दुशवार हो गया अब ऊमुमन जो इतर बाजारों में मिलते है उनमें  (Chemicals) होते हैं। उन का लिबास में इस्तेमाल करना जाइज़ है। लेकिन सर और दाढ़ी के बालों में लगाना नुकसानदेह है उसमे इस्पिरिट,  Alcohol की मिलावट होती है जो शराब के हुक़्म में है। यानी शराब हराम है।_*

 ✍🏻 *_मसअ़ला : आला हज़रत [रदिअल्लाहो अन्हो] इरशाद फरमाते है......._*

    *👉🏻 _"अलकोहल (शराब) वाले इत्र (सैन्ट) या स्प्रे का इस्तेमाल गुनाह है बल्कि ऐसे इत्र की ख़ुशबू सूंघना भी ना जाइज़ है।_*

📕 *_फ़तावा-ए-रज़वीया, जिल्द नं 10, सफा नं 88_*

      *👉🏻 _इस लिए सिर्फ़ ऐसे इत्र का इस्तेमाल करें जिसमें इस्पिरिट (अलकोहल) न हो। अलकोहल वाले इत्र या सैन्ट की पहचान यह है कि उसे अगर हथेली पर लगाया जाए तो ठंडक महसूस होगी और फौरन उड़ भी जाएगा।_*

    *👉🏻 _औरत ऐसे इत्र का इस्तेमाल करे जिस की ख़ुशबू हल्की हो ऐसी न हो जिस की ख़ुशबू उड़ कर ग़ैर मर्दों तक पहुँच जाए। आजकल अक्सर औरते ऐसे तेज खुशबु वाले स्प्रे, इत्र, या पाउडर क्रिम का इस्तेमाल करती है, ऐसी औरते इस हदिस को पढकर इबरत हासील करे!_*

📚 *_हदीस: हज़रत अबू मूसा अशअ़री [रदि अल्लाहु तआला अन्हु] से रिवायत है कि हुज़ूर ﷺ ने इरशाद फरमाया........_*

*💎 _"जब कोई औरत ख़ुशबू लगा कर लोगों में निकलती है, ताकी खुशबु उन तक पहुंचे तो वह औरत ज़ानिया है"_*

📕 *_अबूूदाऊद शरीफ, जिल्द नं 3, सफा नं 264, नसाई शरीफ, जिल्द नं रसूलुल्लाह 398_*
           
_*बाकी अगले पोस्ट में....*_

_*📮 जारी रहेगा इंशा'अल्लाह....*_
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