Wednesday, November 13, 2019



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 150)*_
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              _*( 1 ) कादयानी फिरका के अक़ीदा*_

_*22 . यहूद तो हज़रते ईसा के मामले में और उनकी पेशगोईयों के बारे में ऐसे कवी एअतराज़ रखते हैं कि हम भी जवाब में हैरान हैं बगैर उस के कि यह कह दें कि ज़रूर ईसा नबी हैं क्यूँकि कुर्आन ने उसको नबी करार दिया है और कोई दलील उनकी नुबुब्बत पर कायम नहीं हो सकती ' बल्कि इबताले नुबुब्बत ( यानी नबी न होने पर ) पर कई दलाइल काइम हैं । ( एजाज़ अहमदी पेज नं . 13 )*_

_*मिर्जा ने अपनी इस बात में यहूदियों की इस बात को ठीक होना बताया और कुर्आन शरीफ पर भी साथ ही यह एअतेराज़ लगाया कि कुर्आन ऐसी बात की तालीम दे रहा है कि जिसको बहुत सी दलीलों से बातिल किया जा चुका है ।*_

 _*23 . ईसाई तो उनकी ( हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम की ) खुदाई को रोते हैं मगर यहाँ नुबुव्वत भी उनकी साबित नहीं । ( एअजाज अहमदी पेज न . 14 )*_

 _*24 . कभी आपको शैतानी इलहाम भी होते थे । ( एजाज अहमदी पेज नं . 24 )*_

 _*मुसलमानों तुम्हें मअलूम है कि शैतानी इलहाम किस को होता है । कुर्आन में आया है कि*_

_*📝तर्जमा : - " बड़े बुहतान वाले सख्त गुनाहगार पर शैतान उतरते हैं ।*_

 _*इससे अन्दाज़ा हुआ . कि शैतानी इलहाम सिर्फ गुनाहगारों को ही हो सकता हैं । लेकिन मिर्जी ने हजरते ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में इस तरह की बातें लिखकर उनकी तौहीन की हैं ।*_

 _*25 . उनकी अकसर पेशीनगोईयाँ गलती से पुर हैं । ( एअजाज़े अहमदी )*_

_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 53/54*_

_*📮जारी रहेगा.....*_
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