Wednesday, November 13, 2019



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 172)*_
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                 _*🕌इमामत का बयान👑*_

_*☝🏻अकीदा : - यज़ीद पलीद फासिक फाज़िर और गुनाहे कबीरा का मुर्तकिब था । आजकल कुछ गुमराह लोग यह कह देते हैं कि हमारा उनके . मामले में क्या दखल । हमारे वह भी शहज़ादे और इमाम हुसैन भी शहज़ादे । भला इमामे हुसैन से यज़ीद की क्या निस्बत । ऐसी बकवास करने वाला मरदूद है , खारिजी है और जहन्नम का मुस्तहिक है । हाँ यज़ीद को काफिर कहने और उस पर लानत करने के बारे में उलमाए अहले सुन्नत के तीन कौल हैं । और हमारे इमामे आज़म अबू हनीफा रदियल्लाहु तआला अन्हु का मसलक ख़ामोशी है यानी हम यज़ीद को फ़ासिक फाजिर कहने के सिवा न काफिर कहें न मुसलमान ।*_

_*☝🏻अकीदा : - अहले बैते किराम रदियल्लाहु तआला अन्हुम अहले सुन्नत के पेशवा हैं जो उनसे महब्बत न रखे मरदूद , मलऊन और खारिजी है ।*_

_*☝🏻अकीदा : - उम्मल मोमिनीन ख़दीजतुल कुबरा , उम्मुल मोमिनीन आइशा सिद्दीका और हजरत सय्यदा फातिमा जहरा रदियल्लाहु तआला अन्हा कतई जन्नती हैं । उन्हें और तमाम लड़कियों और पाक बीवियों ( रदियल्लह तआला अन्हुन्ना ) को तमाम सहाबियात पर फजीलत है । यहाँ तक कि उनकी पाकी की गवाही कुर्आन ने दी है ।*_

_*बहारे शरिअत हिस्सा 1, सफा 69*_

_*📮जारी रहेगा.....*_
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