_*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 059 📕*_
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*_🚿गुस्ल का बयान_*
*_💎 अल्लाह रब्बुल इज्जत इर्शाद फर्माता है!_*
*_وَإِن كُنتُمْ جُنُبًا فَاطَّهَّرُو ۚ_*
*_💎 तर्जुमा : और अगर तुम्हें नहाने की हाज़त हो तो खूब सुथरे हो लो।_*
📕 *_[कुरआन शरीफ, तर्जुमा कन्जुल ईमान, पारा 6, सूर ए मायेदा, आयत नं 6,]_*
📚 *_[हदीस : उम्मुल मोमिनीन हज़रत आएशा सिद्दीक़ा (रदि अल्लाहु तआला अन्हा) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया..........!_*
*💫 _"जब मर्द मुबाशरत के बाद ग़ुस्ल करता है तो बदन के जिस बाल पर से पानी गुज़रता है! उस हर बाल के बदले उसकी एक नेकी लिखी जाती है एक गुनाह कम कर दिया जाता है और एक दर्जा ऊँचा कर दिया जाता है। और अल्लाह तआला उस बंदे पर फख़्र फर्माता है, और फ़रिश्तों से फर्माता है कि "मेरे इस बंदे की तरफ देखो के इस सर्द रात में ग़ुस्ल ए जनाबत के लिए उठा है, उसे मेरे परवरदिगार होने का यक़ीन है, तुम गवाह हो जाओ कि मैने इसे बख़्श दिया"।_*
*_👉🏻 यहॉ गौर करने वाली बात यह है के रात मे गुस्ल के लिये उठने की दो ही वजुहात नजर आती है! एक नमाजो की फिक्र या दुसरी माहे रमजान के लिये सेहरी के लिये_*
📕 *_[गुनीयातुत्तालिबीन, बाब नं 5, सफा नं 113,]_*
*✍ _ग़ुस्ल में तीन फ़र्ज़ है इन में से अगर कोई एक भी फर्ज छूट गया तो चाहे समंदर में भी नहा ले तो भी ग़ुस्ल न होगा, और इस्लामी शरीयत के मुताबिक़ नापाक ही रहेगा ग़ुस्ल में तीन फ़र्ज़ है।_*
1⃣ *_गरारा करना : मुँह भर कर गरारा करना, इस तरह की हलक़ का आख़िरी हिस्सा, दाँतों की खिड़कियाँ, मसूढ़े, वगै़रह सब से पानी बह जाए। दाँतों में अगर कोई चीज़ अटकी हुई हो तो उसे निकालना ज़रूर है! अगर वहां पानी न लगा तो ग़ुस्ल न होगा। अगर रोज़ा हो तो गरारा न करे सिर्फ़ कुल्ली करे, कि अगर गलती से भी पानी हलक़ के नीचे चला गया तो रोज़ा टूट जाएंगा।_*
*_✍ मसअ़ला : कोई शख़्स पान, कथ्था वगै़रह खाता है और चूना व कथ्था दाँतों की जड़ों में ऐसा जम गया कि उसका छुड़ाना बहुत ज़्यादा नुक़्सान का सबब है तो माफ है! और अगर बगै़र किसी नुक़्सान के छुड़ा सकता है तो छुड़ाना वाज़िब है बगै़र उस के छुड़ाए ग़ुस्ल न होगा।_*
📕 *_[फ़तावा-ए-रज़्वीया, जिल्द नं 2, किताबुत्तहारत, बाबुल ग़ुस्ल सफ नं 18,]_*
2⃣ *_नाक में पानी डालना : नाक के आख़िरी नर्म हिस्से तक पानी पहुँचाना फ़र्ज़ है! नाक की गन्दगी को उँगली से अच्छी तरह से निकाले। पानी नाक की हड्डी तक लगाना चाहिए और नाक में पानी महसुस होने लगे।_*
*_3⃣ तमाम बदन पर पानी बहाना : तमाम बदन पर पानी बहाना कि बाल बराबर भी बदन का कोई हिस्सा सूखा न रहे, बग़ल, नाफ, कान के सूराख वगैरह तक पानी बहाना ज़रूरी है_*
📕 *_[बहारे शरीयत, जिल्द नं 1, हिस्सा 18, कानूने शरीयत, जिल्द नं 1, सफा नं 37]_*
✍🏻 *_बाकी अगले पोस्ट में..._*
📮 *_जारी है..._*
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