Wednesday, November 13, 2019



    _*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 067 📕*_
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                *_बद निगाही और बेपर्दगी_*

💎 *_देखो हमारा रब तबारक तआला इर्शाद फर्माता है_*

*_قُلۡ لِّلۡمُؤۡمِنِیۡنَ یَغُضُّوۡا مِنۡ  اَبۡصَارِہِمۡ وَ یَحۡفَظُوۡا فُرُوۡجَہُمۡ ؕ ذٰلِکَ اَزۡکٰی لَہُمۡ ؕ اِنَّ اللّٰہَ خَبِیۡرٌۢ  بِمَا یَصۡنَعُوۡنَ ﴿۳۰﴾_*

*_📝 तर्जुमा: मुसलमान मर्दो को हुक्म दो, अपनी निगाहे कुछ निची रखे! और अपनी शर्मगाहो की हिफाजत करे! यह इनके लिये बहुत सुथरा है! बेशक अल्लाह को इन के कामो की खबर है!_*

*_وَ قُلۡ  لِّلۡمُؤۡمِنٰتِ یَغۡضُضۡنَ مِنۡ اَبۡصَارِہِنَّ وَ یَحۡفَظۡنَ فُرُوۡجَہُنَّ وَ لَا یُبۡدِیۡنَ  زِیۡنَتَہُنَّ  اِلَّا مَا ظَہَرَ  مِنۡہَا وَ لۡیَضۡرِبۡنَ بِخُمُرِہِنَّ عَلٰی جُیُوۡبِہِنَّ ۪ وَ لَا یُبۡدِیۡنَ زِیۡنَتَہُنَّ  اِلَّا  لِبُعُوۡلَتِہِنَّ  اَوۡ اٰبَآئِہِنَّ اَوۡ اٰبَآءِ بُعُوۡلَتِہِنَّ اَوۡ اَبۡنَآئِہِنَّ  اَوۡ اَبۡنَآءِ بُعُوۡلَتِہِنَّ اَوۡ اِخۡوَانِہِنَّ اَوۡ بَنِیۡۤ  اِخۡوَانِہِنَّ اَوۡ بَنِیۡۤ اَخَوٰتِہِنَّ اَوۡ نِسَآئِہِنَّ اَوۡ مَا مَلَکَتۡ اَیۡمَانُہُنَّ اَوِ التّٰبِعِیۡنَ غَیۡرِ اُولِی الۡاِرۡبَۃِ مِنَ الرِّجَالِ اَوِ الطِّفۡلِ الَّذِیۡنَ لَمۡ  یَظۡہَرُوۡا عَلٰی عَوۡرٰتِ النِّسَآءِ ۪ وَ لَا یَضۡرِبۡنَ بِاَرۡجُلِہِنَّ لِیُعۡلَمَ  مَا یُخۡفِیۡنَ مِنۡ زِیۡنَتِہِنَّ ؕ وَ تُوۡبُوۡۤا اِلَی اللّٰہِ جَمِیۡعًا اَیُّہَ الۡمُؤۡمِنُوۡنَ لَعَلَّکُمۡ تُفۡلِحُوۡنَ  ﴿۳۱﴾_*

📝 *_तर्जुमा :  और मुसलमान औरतों को हुक़्म दो अपनी निगाहें कुछ नीची रखे! और अपनी पारसाई की हिफ़ाज़त करे, और अपना बनाओ न दिखाए,  मगर जितना खुद ही ज़ाहिर है!और वह दुपट्टे अपने गिरेबानों पर डाले रहें,  और अपना सिंगार जाहिर न करे मगर अपने शौहरों पर, या अपने बाप, या शौहरो के बाप, या अपने बेटो, या अपने शौहरो के बेटे, या अपने भाई, या अपने भतीजे, या अपने भांजे, या अपने दीन की औरते,  या अपनी कनीजे जो अपने हातो की मिल्क हो, या नौकर बशर्ते के शहवत वाले मर्द न हो, या वह बच्चे जिन्हे औरतो के शर्म की चिजो की खबर नही!और जमीन पर पॉंव जोर से न रखे की जाना जाए इनका छिपा हुआ सिंगार! और अल्लाह की तरफ तौबा करो ऐ मुसलमानो सब के सब इस उम्मीद पर के तुम फलह पाओ!_*

📕 *_[तर्जुमा : कुरआन कन्जुल ईमान, पारा नं 18, सूर ए नूर  (24), आयत नं 30 और 31]_*

👉🏻 _*उपर की इन दोनो आयते करीमा मे अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने साफ़ साफ़ हुक़्म दिया है कि मर्द अपनी निगाहें नीची रखे, यानी बद निगाही से बचे, और अपनी शर्मगाहो की हिफाजत करे यानी जिना की तरफ न जाए!*_

 👉🏻 _*इसी तरह अल्लाह तआला औरतो को भी हुक्म फर्माता है की वह अपनी निगाहे नीची रखे, इसी तरह अपने बनाव सिंगार की भी  इजाजत फर्माई है के अपना बनाव सिंगार कहॉ और किसके सामने करे! और खुसुसी तौर पर देखा जाए तो अल्लाह ने शौहर को दर्जा अता किया है, तो यकीनन औरत का बनाव व सिंगार अपने शौहर के लिये ही होना चाहीये न की गैर मर्दो के लिये! और सिने व सर पर दुपट्टे डाले रहे!*_

🔥 *_लेकिन आज कल मुआमला उल्टा ही नज़र आ रहा है! अक्सर औरतें घर में तो सादी (Simple) रहती है, लेकिन जब बाहर निकलना होता है तो खुब बन संवर कर निकलती है! गोया के  सिंगार व सफाई बाहर वालो को दिखाने के लिये है, लेकीन अपने शौहर के लिए नही!_*

💎  *_हदीसे पाक में मुहम्मद मुस्तफा  ﷺ ने औरतों को घर में पाक व साफ़ और सिंगार करके रहने का हुक़्म दिया ताकि उनके शौहर इन्ही मे दिलचस्पी रखे! और गैर औरतो की तरफ न जाए!_*

💫 *_इमाम अहमद रजा खॉ, आला हजरत रहेमतुल्लाही अलैही अपनी तस्नीफ "इरफाने शरीयत" मे नक्ल फर्माते है...._*

💫 *_"औरत का अपने शौहर के लिये गहने पहनना, बनाव सिंगार करना बाईस ए अज्रे अजीम है! और उनके हक मे नमाजे नफ्ल से अफ्जल है!  कुछ नेक औरते जिनके शौहर औलिया ए किराम से थे और वह खुद वलीयॉ थी हर शब नमाजे इशा पुरा सिंगार करके अपने शौहर के पास आती अगर उन्हे अपनी तरफ हाजत पाती वही हाजीर रहती वर्ना  नमाज मे मश्गुल हो जाती_*

✍🏻 *_बाकी अगले पोस्ट में..._*

📮 *_जारी है..._*
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