Wednesday, November 13, 2019



    _*📕 करीना-ए-जिन्दगी भाग - 070 📕*_
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                *_बद निगाही और बेपर्दगी_*

✍🏻 *_मस्अला : कुछ औरतें अपने मर्दों के सामने मनीहार (चूड़ी बेचने वालों) के हाथ से चूड़ीयां पहनती है, यह हराम है। हाथ दिखाना गै़र मर्द को हराम है। उस के हाथ में हाथ देना हराम है। जो मर्द अपनी औरतों के साथ इसे जाइज़ रखते है दैयूस (यानी बेग़ैरत, बेशर्म) है।_*

📕 *_[फ़तावा-ए-रज़्वीया, जिल्द नं  9, सफा नं 208]_*

✍🏻 *_मस्अला : औरत अगर किसी ना महरम के सामने इस तरह आए की उसके बाल, गला, गर्दन या पीठ, पेट या कलाई का कोई हिस्सा जाहीर हो, या लिबास ऐसा बारीक हो के इन चीजों मे से कोई उसमे से चमके (बाहर दिखाई दे) तो यह बिल-इज्मा हराम है!और ऐसी वजह व लिबास की आदी औरते फासीकात है!और उनके शौहर अगर उस पर राजी हो, और ताकत होने के बावजुद औरत को उससे मना न करे तो दय्युस (बेगैरत बेशर्म) है! और ऐसो को इमाम बनाना गुनाह है! अगर तमाम बदन सर से पॉंव तक मोटे कपडे मे खुब छिपा हुआ हो, सिर्फ मुंह की टिकली खुली हुई है, जिसमे कुछ हिस्सा कान का या ठोढी के निचे का या पेशानी का जाहीर नहीं तो अब फत्वा उससे भी मुमानेअत पर है! और औरत का ऐसा रहना शौहर की रजा से हो तो उसके पिछे भी नमाज पढने से परहेज जरूरी है की फित्ना को खत्म करना शरीअत के वाजीबात मे से अहम वाजीब है!_*

📕 *_[इरफाने शरीअत, जिल्द नं  2, सफा नं 4]_*

*_👉🏻 आजकल मर्द हजरात खुद अपनी बीवी को बाजारो, बागो, सिनेमा हॉल और दिगर मकामात पर ले जाते है! और पर्दे का एहतमाम नही करते और औरतो को  गैर मर्दो के सामने नुमाइश का जरीया बनाते है! इस बात पर भी तवज्जो और गौर फिक्र करने की जरूरत है!_*
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                   *_🔥ज़िना का बयान 🔥_*

💎 *_अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त इर्शाद फर्माता है_*

*_وَ لَا تَقۡرَبُوا الزِّنٰۤی اِنَّہٗ کَانَ فَاحِشَۃً ؕ وَ سَآءَ  سَبِیۡلًا ﴿۳۲﴾_*

💎 *_तर्जुमा: "और बदकारी के पास न जाओ, बेशक वह बेहयाई है, और बहुत ही बुरी राह!"_*

📕 *_[तर्जुमा कुरआन कन्जुल ईमान सूर ए बनी इसराईल आयत नं 32]_*

💎 *_अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त इर्शाद फर्माता है_*

 *_وَ الَّذِیۡنَ ہُمۡ  لِفُرُوۡجِہِمۡ حٰفِظُوۡنَ ﴿ۙ۲۹﴾ اِلَّا عَلٰۤی  اَزۡوَاجِہِمۡ  اَوۡ مَا مَلَکَتۡ اَیۡمَانُہُمۡ  فَاِنَّہُمۡ  غَیۡرُ  مَلُوۡمِیۡنَ ﴿ۚ۳۰﴾ فَمَنِ  ابۡتَغٰی وَرَآءَ ذٰلِکَ فَاُولٰٓئِکَ ہُمُ الۡعٰدُوۡنَ ﴿ۚ۳۱﴾_*

💎  *_तर्जुमा : "और वह जो अपनी शर्मगाहो की हिफ़ाज़त करते है!" (29) "मगर अपनी बीवीयों या अपने हाथ के माल कनीजो से के इन पर कुछ मलामत नही!" (30) "तो जो इन दो के सिवा और चाहे वही हद से बढने वाले है!"(31)_*

📕 *_[तर्जुमा कुरआन कन्जुल ईमान सूर ए मआरीज आयत नं  29, 30 और 31]_*
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               *_🔥जिना किसे कहते है 🔥_*

👉🏻 *_कोई भी मर्द (Male)किसी भी ऐसी औरत से सोहबत (संभोग) करे जिसका वह मालिक नही, (यानी उस से निकाह नही हुआ हो) या  कोई भी औरत (Female)किसी ऐसे मर्द से मुबाशरत   करे जीस की वह जौजीयत मे ना हो (यानी उस से निकाह नही हुआ हो) उसे ज़िना कहते है। जिना करने वाले मर्द को जिनाकार कहते है! और जिना करने वाली औरत को जानीयॉ कहते है! चाहे मर्द और औरत दोनो राज़ी हो! चाहे इस मे (नाजाइज जिस्मानी रिश्ता बनाने मे) पहल कोई मर्द करे या औरत! इसी तरह पेशा करने वाली बाज़ारी औरतों (Call Girl) और तवाएफ़ो के साथ भी मुबाशरत (सोहबत) करने को भी ज़िना ही कहा जाएगा।_*

👉🏻 *_उपर दी हुई सुर ए बनी इसराईल की आयत मे अल्लाह रब्बुल इज्जत ने वाजेह तौर पर इर्शाद फर्मा दिया है के...... "बदकारी के पास न जाओ बेशक वह बेहयाई है! और बहुत ही बुरी राह!"_*

✍🏻 *_बाकी अगले पोस्ट में..._*

📮 *_जारी है..._*
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