_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 09)*_
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'*📚हदीस न . 4*_
_*. . . . . . ✍🏻बज्जाज़ ने हसन असनाद के साथ रिवायत की कि हजरते उसमान गनी रदियल्लाहु तआला अन्हु ने अपने गुलाम हमरान से वुजू के लिये पानी माँगा और सर्दी की रात में बाहर जाना चाहते थे । हमरान कहते हैं कि मैं पानी लाया उन्होंने मुँह हाथ धोये तो मैंने कहा अल्लाह आपको किफायत करे रात तो बहुत ठंडी है उस पर उन्होंने फ़रमाया कि मैंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से सुना है । कि जो बंदा अच्छी तरह पूरा वुजू करता है अल्लाह तआला उस के अगले पिछले गुनाह बख्श देता है ।*_
_*📚हदीस न . 5*_
_*. . . . . . ✍🏻तबरानी ने औसत में हज़रते अमीरूल मोमिनीन मौला अली रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो सख्त सर्दी में कामिल वुजू करे उसके लिये दूना सवाब है ।*_
_*📚हदीस न . 6*_
_*. . . . . . ✍🏻इमामे अहमद इब्ने हम्बल ने हजरते अनस रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की कि हजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो एक - एक बार वुजू करे तो यह जरूरी बात है और जो दो - दो बार करे तो उसको दूना सवाब है और जो तीन - तीन बार धोये तो यह मेरा और अगले नबियों का वुजू हैं ।*_
_*📚हदीस न . 7*_
_*. . . . . . ✍🏻सही मुस्लिम में उकबा इब्ने आमिर रदियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जो मुसलमान वुजू करे और अच्छा वुजू करे फिर खड़ा हो और ज़ाहिर व बातिन से अल्लाह की तरफ ध्यान देकर दो रकअत नमाज़ पढ़े तो उसके लिये जन्नत वाजिब हो जाती है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 10/11*_
_*🤲 तालिबे दुआँ क़मर रज़ा ह़नफ़ी*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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