_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 65)*_
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_*✨तयम्मुम के मसाइल✨*_
_*💫15: मसअला : - और अगर यह गुमान है कि मील के अन्दर तो पानी नहीं मगर एक मील से कुछ ज्यादा दूरी पर मिल जायेगा तो नमाज़ के आखिरी मुस्तहब वक़्त तक इन्तेजार करना मुस्तहब है मगर मगरिब और इशा में इतनी देर न करे कि मकरूह वक़्त आ जाये और अगर देर न की और तयम्मुम कर के नमाज पढ़ ली तो नमाज़ हो जायेगी ।*_
_*✨( 3 ) इतनी सर्दी हो कि नहाने से मर जाने या बीमार होने का सख्त खतरा हो और लिहाफ वगैरा कोई ऐसी चीज़ उसके पास नहीं जिसे नहाने के बाद ओढ़े और सर्दी के नुकसान से बचे और न आग है जिससे ताप सके तो तयम्मुम जाइज है ।*_
_*✨( 4 ) दुश्मन का डर कि अगर उसने देख लिया तो मार डालेगा या माल छीन लेगा या उस गरीब नादार पर किसी का कर्जा है कि उसे कैद करा देगा या उस तरफ साँप है कि वह काट खायेगा या शेर है कि फाड़ खायेगा या कोई बदकार शख्स है और यह औरत या मर्द अमरद ( नौ जवान लड़का जिस के खत न निकला हो ) है जिसे अपनी बे - आबरूई का सख्त खतरा है तो तयम्मुम जाइज है ।*_
_*💫16: मसअला : - अगर ऐसा दुश्मन है कि वैसे उससे कुछ न बोलेगा मगर कहता है कि अगर वुजू के लिये पानी लोगे तो मार डालूँगा या कैद करा दूंगा तो इस सूरत में हुक्म यह है कि तयम्मुम करके नमाज पढ़ ले और फिर जब मौका मिले तो वुजू करके नमाज़ दोहरा ले ।*_
_*💫17: मसअला - कैदी को जेल खाने वाले वुजू न करने दें तो तयम्मुम करके पढ़ ले और नमाज दोहराये और अगर वह दुश्मन या कैद वाले नमाज भी न पढ़ने दें तो इशारे से पढ़े और फिर नमाज दोहरा ले ।*_
_*✨( 5 ) अगर जंगल में डोल रस्सी नहीं कि पानी भरे तो तयम्मुम जाइज है ।*_
_*💫18: मसअला - अगर उसके साथी के पास डोल रस्सी है और वह यह कहता है कि ठहर जाओ मैं पानी भर लूँ तो तुमको दूंगा तो मुस्तहब है कि इन्तेजार करे और अगर इन्तेज़ार न किया और तयम्मुम कर के नमाज़ पढ़ ली तो नमाज़ हो गई ।*_
_*💫19: मसअला : - अगर रस्सी छोटी है कि पानी तक नहीं पहुँचती मगर उसके पास कोई कपड़ा ( रूमाल , इमामा , या दुपट्टा वगैरा ) ऐसा है कि उसके जोड़ने से पानी मिल जायेगा तो तयम्मुम जाइज़ नहीं ।*_
_*✨( 6 ) अगर प्यास का डर हो यानी उस के पास पानी है मगर वुजू या गुस्ल के काम में लाये तो खुद या दूसरा मुसलमान या अपना या उसका जानवर अगर्चे वह कुत्ता जिसका पालना जाइज़ है प्यासा रह जायेगा और अपनी या उनमें से किसी की प्यास चाहे अभी हो या आगे उसका सही अन्देशा हो कि वह रास्ता ऐसा है कि दूर तक पानी का पता नहीं तो तयम्मुम जाइज़ है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 52/53*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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