_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 122)*_
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_*💦इस्तिन्जे के मुतअल्लिक मसाइल💦*_
_*📖मसअला : - कागज से इस्तिन्जा मना है अगरचे उस पर कुछ लिखा न हो या अबूजहल ऐसे काफ़िर का नाम लिखा हो ।*_
_*📖मसअला : - दाहिने हाथ से इस्तिन्जा करना मकरूह है अगर किसी का बायाँ हाथ बेकार हो गया हो तो उसके लिए दाहिने हाथ से इस्तिन्जा करना जाइज़ है ।*_
_*📖मसअला : - पेशाब के आले को दाहिने हाथ से छूना या दाहिने हाथ में ढेला लेकर उससे इस्तिन्जा करना मकरूह है जिस ढेले से एक बार इस्तिन्जा कर लिया उसे दोबारा काम में लाना मकरूह है मगर दूसरी करवट उसकी साफ हो तो उससे कर सकते हैं ।*_
_*📖मसअला : - पाखाने के बाद मर्द के लिये ढेलों के इस्तेमाल का मुस्तहब तरीका यह है कि गर्मी के मौसम में पहला ढेला आगे से पीछे को ले जाये और दूसरा पीछे से आगे की तरफ और तीसरा आगे से पीछे की तरफ ले जाये । और जाड़ों में पहला पीछे से आगे को और दूसरा आगे से पीछे को और तीसरा पीछे से आगे को ले जाए ।*_
_*📖मसअला : - औरत पाखाने के बाद हर ज़माने में उसी तरह ढेले से इस्तिन्जा करे जैसे मर्दो के लिए गर्मियों में हुक्म है ।*_
_*📖मसअला : - पाक ढेले दाहिनी जानिब रखना और काम में लाने के बाद बाई तरफ इस तरह पर डाल देना कि जिस रूख में नजासत लगी हो नीचे हो मुस्तहब है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 95*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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