_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 123)*_
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_*💦इस्तिन्जे के मुतअल्लिक मसाइल💦*_
_*📖मसअला : - पेशाब के बाद जिसको यह शक हो कि कोई कतरा बाकी रह गया या पेशाब फिर आयेगा तो उस पर इस्तिबरा करना यानी पेशाब के बाद ऐसा काम करना कि अगर कतरा रूका हो तो गिर जाये वाजिब है । भी इस्तिबरा टहलने से होता है या जमीन पर जोर से पाँव मारने या दाहिने पाँव को बायें या बायें को दाहिने पर रख कर ज़ोर करने या ऊँचाई से नीचे उतरने या नीचे से बलन्दी पर चढ़ने या खंकारने या बाई करवट पर लेटने से होता है और इस्तिबरा उस वक़्त तक करें कि दिल को इत्मिनान हो जाये । टहलने की मिकदार कुछ आलिमों ने चालीस कदम रखी है मगर सही यह है कि जितने में इत्मिनान हो जाये । इस्तिबरा का हुक्म मर्दो के लिये है औरत फारिग होने के बाद थोड़ी देर ठहरे फिर धो ले । पाखाने के बाद पानी से इस्तिन्जा का मुस्तहब तरीका यह है कि फैल कर बैठे और धीरे धीरे पानी डाले और उंगलियों के पेट से धोये उंगलियों का सिरा न लगे और पहले बीच की उंगली ऊँची रखे फिर जो उससे मिली है उसके बाद छंगुलिया ऊँची रखे और खूब मुबालगा के साथ ( खूब अच्छी तरह ) धोये । तीन उंगलियों से ज़्यादा से तहारत न करे और आहिस्ता - आहिस्ता मले यहाँ तक कि चिकनाई जाती रहे ।*_
_*📖मसअला : - हथेली से धोने से भी तहारत हो जायेगी ।*_
_*📖मसअला : - औरत हथेली से धोये और मर्द के मुकाबिले में ज्यादा फैल कर बैठे । तहारत के बाद हाथ पाक हो गये मगर धो लेना बल्कि मिट्टी लगाकर धोना मुस्तहब है । जाड़ों में गर्मियों के मुकाबले खूब धोये और अगर जाड़ों में गर्म पानी से इस्तिन्जा करे तो उसी कद्र मुबालगा करे जितना गर्मियों में मगर गर्म पानी से इस्तिन्जा ( तहारत करने ) में उतना सवाब नहीं जितना ठंडे पानी से और गर्म पानी से बीमारी का भी खतरा है ।*_
_*📖मसअला : - रोजे के दिनों में न ज्यादा फैल कर बैठे और न मुबालगा ( धोने में ज्यादती ) करे ।*_
_*📖मसअला : - मर्द लुंजा हो तो उसकी बीवी इस्तिन्जा करा दे और औरत ऐसी हो तो उसका शौहर और बीवी न हो या औरत के शौहर न हो तो किसी और रिश्तेदार बेटा बेटी भाई बहन से ही नहीं करा सकते माफ है ।*_
_*📖मसअला : - जमजम शरीफ से इस्तिन्जा पाक करना मकरूह है और ढेला न लिया हो तो नाजाइज़ ।*_
_*📖मसअला : - वुजू के बचे हुये पानी से तहारत करना अच्छा नहीं है ।*_
_*📖मसअला : - इस्तिन्जे के बचे हुये पानी से वुजू कर सकते हैं उस पानी को कुछ लोग फेंक देते हैं फेंकना नहीं चाहिए फेंकना फुजूलखर्ची है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 95/96*_
_*📮बहारे शरिअत हिस्सा 2 खत्म हुआ इंशा'अल्लाह अब हिस्सा 3 से पोस्ट शुरुआत करेंगे*_
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