_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 67)*_
―――――――――――――――――――――
_*✨तयम्मुम के मसाइल✨*_
_*25: 💫मसअला : - वली ने जिसको नमाज़ पढ़ाने की इजाजत दी हो उसे तयम्मुम जाइज़ नहीं और वली को इस सूरत में अगर नमाज़ फौत होने का खौफ हो तो तयम्मुम जाइज़ है । ऐसे ही अगर वली उससे बढ़कर मौजूद है तो उसके लिये तयम्मुम जाइज़ है । फौत होने के डर का मतलब यह है कि चारों तकबीरें जाती रहने का डर हो और अगर यह मालूम हो कि एक तकबीर मिलन तो तयम्मुम जाइज़ नहीं ।*_
_*26: 💫मसअला : - एक जनाज़े के लिये तयम्मुम किया और नमाज़ पढ़ी फिर दूसरा जनाज़ा आया , बीच में इतना वक़्त मिला कि वुजू करना चाहता तो कर लेता मगर न किया और अब वुजू करेगा तो नमाज़ हो चुकेगी तो इसके लिये अब दोबारा तयम्मुम करे और अगर इतना वक़्त न हो कि कर सके तो वही पहला तयम्मुम काफी है ।*_
_*27: 💫मसअला : - सलाम का जवाब देने , दूरूद शरीफ़ वज़ीफों के पढ़ने , सोने या बे वुजू को मस्जिद के जाने या जुबानी कुर्आन शरीफ पढ़ने के लिये तयम्मुम जाइज़ है अगर्चे पानी पर कुदरत हो ।*_
_*28: 💫मसअला : - जिस पर नहाना फर्ज है उसे बिना ज़रूरत मस्जिद में जाने के लिये तयम्मुम जाइज़ नहीं । हाँ अगर मजबूरी हो जैसे डोल रस्सी मस्जिद में हो और कोई उसका लाने वाला नहीं हो तो तयम्मुम करके जाये और जल्द से जल्द लेकर निकल आये ।*_
_*29: 💫मसअला : - मस्जिद में सोया था और नहाने की ज़रूरत हो गई तो आँख खुलते ही जहाँ सोया था वहीं फौरन तयम्मुम करके निकल आये वहाँ ठहरना हराम है ।*_
_*30: 💫मसअला : - अगर किसी को पानी पर कुदरत हो तो उसे कुर्आन मजीद के लिये या सजदए तिलावत के लिये या सजदए शुक्र के लिये तयम्मुम जाइज़ नहीं ।*_
_*31: 💫मसअला : - वक़्त इतना तंग हो गया कि वुजू या गुस्ल करेगा तो नमाज़ कज़ा हो जायेगी तो चाहिए कि तयम्मुम कर के नमाज़ पढ़ ले और फिर वुजू या गुस्ल कर के नमाज़ का दोहरना लाज़िम है ।*_
_*32: 💫मसअला : - औरत हैज़ या निफास से पाक हुई और उसे पानी पर कुदरत नहीं तो वह तयम्मुम करेगी ।*_
_*33: 💫मसअला : - अगर मुर्दे को नहला न सकें चाहें इस वजह से कि पानी नहीं है या इस वजह से कि उसके बदन को हाथ लगाना जाइज़ नहीं जैसे अजनबी औरत या अपनी औरत कि मरने के बाद उसे छू नहीं सकता तो उसे तयम्मुम कराया जाये । गैर महरम को अगर्चे शौहर हो औरत को तयम्मुम कराने में कपड़े को हाथ में हाइल होना चाहिए ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 53*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment