_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 22)*_
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_*💦वुजू में मकरूह चीजें*_
_*1 . औरत के वुजू या गुस्ल के बचे हुए पानी से वुजू करना ।*_
_*2 . वुजू के लिये नजिस जगह ( नापाक जगह ) बैठना।*_
_*3 . नजिस जगह वुजू का पानी गिराना।*_
_*4 . मस्जिद के अन्दर वुजू करना।*_
_*5 . वजू के किसी उज्व से लोटे वगैरा में पानी का कतरा टपकाना।*_
_*6 . पानी में रेठ या खंखार डालना।*_
_*7 . किब्ले की तरफ़ थूक या खंखार डालना या कुल्ली करना।*_
_*8 . बे ज़रूरत दुनिया की बात करना।*_
_*9 . ज्यादा पानी खर्च करना।*_
_*10 . इतना कम ख़र्च करना कि सुन्नत अदा न हो।*_
_*11 . मुँह पर पानी मारना।*_
_*12 . मुँह पर पानी डालते वक़्त फूंकना।*_
_*13 . एक हाथ से मुँह धोना कि यह राफ़ज़ियों और हिन्दुओं का तरीका है।*_
_*14 . गले का मसह करना।*_
_*15 . बायें हाथ से कुल्ली करना या नाक में पानी डालना।*_
_*16 . दाहिने हाथ से नाक साफ करना।*_
_*17 . अपने वुजू के लिये कोई लोटा वगैरा खास कर लेना।*_
_*18 . तीन नये पानियों से तीन बार सर का मसह करना।*_
_*19 . जिस कपड़े से इस्तिन्जे का पानी खुश्क किया हुआ हो उस से वुजू के हिस्से पोंछना।*_
_*20 . धुप के गर्म पानी से वुजू करना।*_
_*21 . होंट या आँखे ज़ोर से बंद करना और अगर कुछ सूखा रह जाये तो वुजू न होगा । हर सन्नत का छोड़ना मकरूह है ऐसे ही हर मकररूह का छोड़ना सुन्नत है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 19*_
_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिनस*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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