_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 118)*_
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_*💦इस्तिन्जे का बयान💦*_
_*📚हदीस न . 15 : - अबू दाऊद और इब्ने माजा मआज रदियल्लाहु तआला अन्हु से बयान करते हैं कि हुजूर ने फरमाया कि तीन चीजें लअ्नत का सबब है उनसे बचों वह तीन चीज़ें ये हैं*_
_*💫(1) खाट पर पेशाब करना*_
_*💫(2)बीच रास्ते में पेशाब करने से*_
_*💫(3) और पेड़ के साये में पेशाब करने से ।*_
_*📚हदीस न . 16 - इमामे अहमद तिर्मिजी और नसई उम्मुल मोमिनीन सिद्दीका रदियल्लाह अन्हा से रिवायत करते हैं कि वह फरमाती है कि जो शख्स तुम से यह कहे कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम खड़े हो कर पेशाब करते थे तो तुम उसे सच्चा न जानो हुजूर नहीं पेशाब फरमाते मगर बैठ कर ।*_
_*📚हदीस न . 17 - इमाम अहमद , अबू दाऊद और इब्ने माजा अबू सईद रदियल्लाहु तआला अन्हु ने रिवायत करते है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि दो आदमी पाखाने को जायें और सत्र खोल कर बातें करें तो अल्लाह उन पर गजब फरमाता है ।*_
_*📚हदीस न 18 - बुखारी शरीफ और मुस्लिम शरीफ में अब्दुल्ला इब्ने अब्बास रदियल्लाहु ताल अन्हुमा से मरवी कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने दो कब्रों पर गुजर फरमाया तो यह फरमाया कि उन दोनों को अजाब होता है और किसी बड़ी बात में अजाब नहीं दिए जा र हैं उन में से एक पेशाब की छीट से नहीं बचता था और दूसरा चुगली खाता फिर हुजूर ने खजूर की एक तर शाख ले कर उसके दो हिस्से किए और हर कब्र पर एक एक टुकड़ा गाड दिशा सहाबा ने अर्ज किया कि या रसूलुल्लाह यह क्यूँ किया फरमाया इस उम्मीद पर कि जब तक यह खुश्क न हो उन पर अजाब में तखफीफ ( कमी ) हो*_
_*📍नोट - इस हदीस से पता चलता है कि कब्रों पर फूल डालना जाइज है कि फूल भी जब तक हरे भरे रहेगे अजाब हल्का होगा और इनकी तस्बीह से मय्यत का दिल बहलता है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 91/92*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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