Wednesday, April 29, 2020



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 119)*_
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 ‌     _*💦इस्तिन्जे के मुतअल्लिक मसाइल💦*_

_*📖मसअला : - जब आदमी पाखाने को जाये तो मुस्तहब है कि पाखाने से बाहर यह पढ़ ले :*_
بِسْمِ اللّٰهِ اللّٰہُمَّ اِنّ‌ِیْ اَعُوْذُ بِکَ مِنَلْخُبُثِ وَالْخَبَائِثِ
_*बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा इन्नी अऊजु बिका मिनल खुबसि बल खबाइसि*_

_*📝तर्जमा - " ऐ अल्लाह मैं तेरी पनाह माँगता हूँ नापाकी और शैतानों से " । फिर बायाँ पाँव दाखिल करे और निकलते वक़्त पहले दाहिना पैर बाहर निकाले और बाहर निकल कर यह पढ़े :*_
غُفْرَا نَکَ اَللْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ اَذْھَبَ عَنّ‌ِیْ مَا یُؤْ ذِیْنِیْ وَاَمْسِکَ عَلَیَّ مَا یَنْفَعُنِیْ
_*गुफरानाका अल्लहम्दु लिल्ला हिल्लजी अजहबा अन्नी मा युअजीनी व अम सिक अलय्या मा यन फउनी*_

_*📝तर्जमा - " अल्लाह से मगफिरत का सवाल करता हूँ हम्द है अल्लाह के लिए उसने मेरे पेट से वह चीज निकाली जो मुझे तकलीफ देती और वह चीज रोकी जो मुझे नफा देगी ।*_

_*📖मसअला - पाखाना या पेशाब फिरते वक़्त या तहारत करने में या किसी वक़्त शर्मगाह खुली हो तो न किब्ले की तरफ मुंह हों और न पीठ हो और यह आम हुक्म है चाहे मकान के अन्दर हो या मैदान में अगर भूल से किब्ले की तरफ मुँह , पीट कर के बैठ गया तो याद आते ही फौरन रूख बदल दे कि इस में उम्मीद है कि फौरन उस के लिये मगफिरत कर दी जाये ।*_

_*📖मसअला - बच्चे को पाखाना पेशाब फिराने वाले को मकरूह है कि उस बच्चे का मुँह किब्ले को हो यह फिराने वाला गुनाह गार होगा ।*_

_*📖मसअला : - पाखाना पेशाब करते वक़्त सूरज और चाँद की तरफन मुंह हो न पीठ । ऐसे ही हवा के रुख पेशाब करना मना है ।*_

_*📖मसअला : - कुँए हौज या चश्में के किनारे या पानी में अगर्चे बहता हुआ हो या घाट पर या फलदार पेड़ के नीचे या उस खेत में जिस में खेती मौजद हो या साये में जहाँ लोग उठते बैठते हो या मस्जिद या ईदगाह के करीब में या कब्रिस्तान या रास्ते में या जिस जगह पर मवेशी बंधे हो इन सब जगह में पेशाब पाखाना मकरूह है यूँ ही जिस जगह वुजू या गस्ल किया जाता हो वहाँ पेशाब करना मकरूह है ।*_ 

_*📖मसअला : - खुद नीची जगह बैठना और पेशाब की धार ऊँची जगह गिरना यह मना ।*_

_*📖मसअला : - ऐसी सख्त ज़मीन पर जिस से पेशाब की छींटे उड़ कर आयें पेशाब करना मना है ऐसी जगह को कुरेद कर नर्म कर लेना चाहिये या गढ्ढा खोद कर पेशाब करना चाहिए ।*_

_*📖मसअला : - खड़े हो कर या लेट कर या नंगे हो कर पेशाब करना मकरूह है ।*_

_*📖मसअला : - नंगे सर पाखाना पेशाब को जाना या अपने साथ कोई ऐसी चीज ले जाना जिस पर कोई दुआ या अल्लाह और रसूल या किसी बुजुर्ग का नाम लिखा हो मना है युही बात करना भी मकरूह है ।*_

_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 92/93*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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