_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 13)*_
―――――――――――――――――――――
_*💎मसअला : - दाढ़ी के बाल अगर घने न हों तो चमड़े का धोना फर्ज है और अगर घने हों तो गले की तरफ दबाने से जिस कद्र चेहरे के घेरे में आयें उनका धोना फर्ज है और जड़ों का धोना फर्ज़ नहीं और जो हल्के से नीचे हों उनका धोना ज़रूरी नहीं और अगर कुछ हिस्से में घने हों और कुछ छिदरे हों तो जहाँ घने हों तो वहाँ बाल और जहाँ छिदरे हों उस जगह जिल्द ( खाल ) का धोना फर्ज है ।*_
_*💎मसअला : - लबों का हिस्सा जो आदत में लब बन्द करने के बाद जाहिर रहता है उसका धोना फर्ज है अगर कोई खूब ज़ोर से लब बन्द कर ले कि उस में का कुछ हिस्सा छुप गया कि उस पर पानी न पहुँचा न कुल्ली की कि धुल जाता तो वुजू न हुआ । हाँ वह हिस्सा जो आम तौर पर आदत में मुँह बन्द करने से जाहिर नहीं होता उस का धोना फर्ज़ नहीं ।*_
_*💎मसअला : - रूखसार ( गाल ) और कान के बीच जो जगह है जिसे कन्पटी कहते हैं उसका धोना फर्ज है । हाँ उस हिस्से में जितनी जगह दाढ़ी के घने बाल हों वहाँ बालों का और जहाँ बाल न हों तो जिल्द का धोना फर्ज है ।*_
_*💎मसअला : - नथ का सूराख अगर बन्द न हो तो उस में पानी बहाना फर्ज है अगर तंग हो तो पानी डालने में नथ को हिलाये वरना ज़रूरी नहीं ।*_
_*💎मसअला : -आँखों के ढेले और पपोटों की अन्दरूनी सतह का धोना कुछ ज़रूरी नहीं बल्कि चाहिये कि उस से नुकसान है ।*_
_*💎मसअला : - मुँह धोते वक़्त आँखें जोर से नीचे लीं कि पलक के करीब एक हल्की सी तहरीर बन्द हो गई और उस पर पानी न बहा और वह आदत में बन्द करने से ज़ाहिर रहती हो तो वुजू हो जायेगा मगर ऐसा करना नहीं चाहिये और अगर कुछ ज़्यादा धुलने से रह गया तो वुजू न होगा ।*_
_*💎मसअला : - आँख के कोए पर पानी बहना फर्ज है मगर सुर्मे का जिर्म ( कण ) कोए या पलक में रह गया और वुजू कर लिया लेकिन पता न चला और नमाज पढ़ ली तो हरज नहीं नमाज हो गई और वुजू भी हो गया और अगर मालूम है तो उसे छुड़ा कर पानी बहाना जरूरी है ।*_
_*💎मसअला : - पलक का हर बाल पूरा धोना फर्ज है और अगर उस में कीचड़ वगैरा कोई सख्त चीज | जम गई हो तो उसका छुड़ाना फर्ज है ।*_
_*2 . हाथ धोना : - इस हुक्म में कोहनियाँ भी शमिल हैं ।*_
_*💎मसअला - अगर कोहनियों से नाखून तक कोई जगह ज़र्रा भर भी धुलने से रह जायेगी तो वुजू न होगा ।*_
_*💎मसअला : - हर किस्म के जाइज नाजाइज़ गहने , छल्ले , अगुँठियाँ , पहुँचियाँ , कंगन , काँच और लाख वगैरा की चूड़ियाँ और रेशम के लच्छे वगैरा अगर इतने हों कि नीचे पानी न बहे तो उतार कर धोना फर्ज हैं और अगर सिर्फ हिलाकर धोने से पानी बह जाता हो तो हिलाना जरूरी है और अगर ढीले हों कि बिना हिलाये भी नीचे पानी बह जायेगा तो कुछ ज़रूरी नहीं ।*_
_*💎मसअला : - हाथों की आठों घाईयाँ , उंगलियों की करवटों और नाखूनों के अन्दर जो जगह खाली है और कलाई का हर बाल जड़ से नोक तक उन सब पर पानी बह जाना ज़रूरी है । अगर कुछ भी रह गया या बालों की जड़ों पर पानी बह गया और किसी एक बाल पर पानी न बहा तो वुजू न हूआ मगर नाखुनों के अन्दर का मैल मुआफ है ।*_
_*💎मसअला : - अगर किसी की छह उंगलियाँ हैं तो सबका धोना फर्ज है और अगर एक मोढ़े पर दो हाथ निकले तो जो पूरा है उसका धोना फर्ज है और दूसरे का धोना फर्ज नहीं मुस्तहब है मगर उस दूसरे हाथ का वह हिस्सा जो पूरे हाथ के फ़र्ज़ की जगह से मिला हो उतने का धोना फर्ज है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 13/14*_
_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिनस*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
_*📍बाकी अगले पोस्ट में*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment