_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 14)*_
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. _*3 . सर का मसह करना : - ( चौथाई सर का मसह करना फर्ज है ।*_
_*💎मसअला : - मसह करने के लिए हाथ तर होना चाहिये चाहे साथ में तरी उज्व ( अंगो ) के धोने के बाद रह गई हो या नये पानी से हाथ तर कर दिया हो ।*_
_*💎मसअला : - किसी उज्व के मसह के बाद जो हाथ में तरी बाकी रह जायेगी वह दूसरे उज्व के मसह के लिये काफी न होगी ।*_
_*💎मसअला : - सर पर बाल न हों तो जिल्द की चौथाई और जो बाल हों तो खास सर के बालों की चौथाई का मसह फर्ज है और सर का मसह इसी को कहते हैं ।*_
_*💎मसअला : - इमामे ( पगड़ी ) टोपी और दुपट्टे पर मसह काफी नहीं हाँ अगर टोपी या दुपट्टा इतना बारीक हो कि तरी फूट कर चौथाई सर को तर कर दे तो मसह हो जायेगा ।*_
_*💎मसअला : - सर से जो बाल लटक रहे हों उस पर मसह करने से मसह न होगा ।
_*4 . पाँव धोना - चौथा फर्ज पाँव को गट्टों समेत एक बार धोना है । छल्ले और पाँव के गहनों का वही हुक्म है जो ऊपर बताया गया है ।*_
_*💎मसअला - कुछ लोग किसी बीमारी की वजह से पाँव के अँगूठों में इतना खींच कर तागा बाँध लेते हैं कि पानी का बहना तो दर किनार तागे के नीचे तर भी नहीं होता उनको इससे बचना ज़रूरी है नहीं तो ऐसी सूरत में वुजू नहीं होता।*_
_*💎मसअला : - घाईयों और उंगलियों की करवटें तलवे , एड़ियाँ , कोंचे सबका धोना फर्ज है ।*_
_*💎मसअला : - बदन के जिन आजा का धोना फर्ज है उन पर पानी बह जाना शर्त है । यह जरूरी नहीं कि कस्द और इरादे से पानी बहाये बल्कि अगर बिना इख्तियार भी उन पर पानी बह जाये ( जैसे पानी बरसा और वुजू के हर हिस्से से दो दो कतरे बह गये ) तो वुजू के हिस्से धुल गये और सर का चौथाई हिस्सा धुल गया तो ऐसी सूरत में वुजू की शर्त पूरी हो गई या कोई आदमी तालाब में गिर पड़ा और वुजू के हिस्से पर पानी गुजर गया तो भी वुजू हो गया ।*_
_*💎मसअला : - जिस चीज़ की आदमी को आम या खास तौर पर ज़रूरत पड़ती रहती है अगर उसमें ज्यादा एहतियात की जाये तो हरज हो तो वह माफ है । नाखूनों के अन्दर या ऊपर या और किसी धोने की जगह पर उस के ' लगे रह जाने से अगरचे जिर्मदार हो अगरचे उस के नीचे पानी न पहुँचे अगरचे सख्त चीज़ हो वुजू हो जायेगा जैसे पकाने गूंधने वालों के लिये आटा , रंगरेज , के लिये रंग का जिर्म , औरतों के लिये मेंहदी का जिर्म , लिखने वालों के लिये रोशनाई का जिर्म , मजदूर के लिए गारा मिट्टी आम लागों के लिये कोए या पलक में सुर्मे का जिर्म इसी तरह बदन का मैल मिट्टी , गुबार मक्खी मच्छर की बीट वगैरा।*_
_*💎मसअला : - किसी जगह छाला था और वह सूख गया उसकी खाल जुदा कर के पानी बहाना जरूरी नहीं बल्कि उसी छाले की खाल पर पानी बहा लेना काफी है फिर उस को जुदा कर दिया तो अब भी उस पर पानी बहाना ज़रूरी नहीं ।*_
_*💎मसअला : - मछली का सिन्ना अगर वुजू के हिस्से पर चिपका रह गया तो वुजू न होगा कि पानी उस के नीचे न बहेगा ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 14/15*_
_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिनस*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
_*📍बाकी अगले पोस्ट में*_
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