Tuesday, April 28, 2020


  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 12)*_
―――――――――――――――――――――
_*📚अहकामे फ़िक्ही*_

_*📝वह आयते करीमा जो ऊपर लिखी गई है उससे यह साबित है कि वुजू में चार फ़र्ज़ हैं*_

_*👤1 मुहँ धोना।*_

_*🤳2 . कोहनियों समेत दोनों हाथों को धोना।*_

 _*3 . सर का मसह करना।*_

_*👣4 . टखनों समेत दोनों पाँव का धोना ।*_

_*💎फायदा : - किसी उज्व के धोने के यह मअनी हैं कि उस उज्व के हर हिस्से पर कम से कम दो - दो बूंँदें पानी बह जाये । भीग जाने या तेल की तरह पानी चुपड़ लेने या एक आध बूंद बह जाने को धोना नहीं कहेंगे न उससे वुजू या गुस्ल अदा हो । ्इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है लोग इसकी तरफ ध्यान नहीं देते और नमाज़े अकारत जाती हैं यानी बरबाद होती हैं । बदन में कुछ जगह ऐसी हैं कि जब तक उनका खास ख्याल न किया जाये उन पर पानी नहीं बहेगा जिसकी तशरीह हर उज्व में की जायेगी किसी जगह मौज़ए हदस ( हदस की जगह ) पर तरी पहूँचने को मसह कहते हैं ।*_

 _*💫1 .मुँह धोना : - लम्बाई में शुरू पेशानी से ( यानी सर में पेशानी की तरफ का वह हिस्सा जहाँ से आम तौर पर बाल जमने शुरू होते हैं । ठोड़ी तक और चौड़ाई में एक कान से दूसरे कान तक मुँह है इस हद के अन्दर चमड़े के हर हिस्से पर एक बार पानी बहाना फर्ज है ।*_

 _*✍🏻मसअ्ला : - जिस के सर के अगले हिस्से के बाल गिर गये या जमे नहीं उस पर वहीं तक मुँह धोना फर्ज है जहाँ तक आदत के मुवाफिक बाल होते हैं और अगर आदत के खिलाफ किसी के नीचे तक बाल जमे हों तो उन ज्यादा बालों का जड़ तक धोना फर्ज है ।*_

_*✍🏻मसअ्ला : - मूंछों , भवों या बच्ची ( यानी वह बाल जो नीचे के होंट और ठोड़ी के बीच में होते हैं ) के बाल ऐसे घने हो कि खाल बिल्कुल न दिखाई दे तो चमड़े का धोना फ़र्ज़ नहीं और अगर उन जगहों के बाल घने न हों तो जिल्द का धोना भी फर्ज है ।

 _*✍🏻मसअ्ला : - अगर मूंछे बढ़कर लबों को छुपा लें तो अगरचे मूंछे घनी हों उनको हटाकर लब का धोना फर्ज है ।*_

_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 12/13*_

_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिनस*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_

_*📍बाकी अगले पोस्ट में*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

No comments:

Post a Comment

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...