_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 62)*_
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_*📜हदीस न . 2 : - मुस्लिम शरीफ में हज़रते हुजैफा से रिवायत है कि हुजूर अकदस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि जिनसे हम लोगों पर फजीलत दी गई है यह तीन बातें है ।*_
_*1 . हमारी सफे फरिश्तों की सफों की तरह की गई ।*_
_*2 . हमारे लिये तमाम जमीन मस्जिद कर दी गई ।*_
_*3 . और जब हमें पानी न मिले तो ज़मीन की खाक हमारे लिये पाक करने वाली बनाई गई ।*_
_*📜हदीस न . 3 : - इमाम अहमद व अबू दाऊद व तर्मिज़ी अबू ज़र रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत करते हैं कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि पाक मिट्टी मुसलमान का वुजू है अगर्चे दस बर्स पानी न पाये और जब पानी पाये तो अपने बदन को पानी पहुँचाये यानी नहाये और वुजू करे कि यह उसके लिये बेहतर है ।*_
_*📜हदीस न . 4 : - अबू दाऊद और दारमी ने अबू सईद खुदरी रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की है कि वह फरमाते हैं कि दो आदमी सफर में गये , नमाज़ का वक़्त आ गया उनके साथ पानी न था । पाक मिट्टी पर तयम्मुम करके नमाज़ पढ़ ली फिर वक़्त के अन्दर ही पानी मिल गया । इनमें से एक साहब ने वुजू करके दोहराई और दूसरे ने न दोहरायी फिर जब हुजूर के पास दोनों पहुँचे और इस बात का जिक्र किया तो जिसने नमाज़ न लौटाई थी उससे फरमाया कि तू सुन्नत को पहुंचा यानी सुन्नत अदा की और तेरी नमाज हो गई और जिसने वुजू कर के नमाज़ दोहराई थी उससे फरमाया तुझे दूना सवाब है ।*_
_*📜हदीस न . 5 : - सही बुखारी और मुस्लिम में इमरान रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हम एक सफर में नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के साथ थे । हुजूर ने नमाज़ पढ़ाई जब नमाज़ पढ़ चुके तो देखा कि एक आदमी लोगों से अलग बैठा हुआ है जिसने कौम के साथ नमाज न पढ़ी थी । हुजूर ने फरमाया कि ऐ शख्स तूझको नमाज़ पढ़ने से किस चीज़ ने रोका । उसने कहा कि मुझे नहाने की ज़रूरत है और पानी नहीं है । हुजूर ने फरमाया कि मिट्टी ले यानी तयम्मूम करो कि वह तुम्हारे लिये काफी है ।*_
_*📜हदीस न . 6 : - सहीहैन मे अबू जहीम इब्ने हारिस से रिवायत है कि नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम बेअरे जमल की तरफ ( मदीने शरीफ में एक मकान है ) से तशरीफ ला रहे थे एक शख्स ने हुजूर को सलाम किया आप ने उसका जवाब न दिया यहाँ तक कि एक दीवार की तरफ़ गये और मुँह और हाथों का मसह किया फिर उसके सवाल का जवाब दिया ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 49/50*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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