Tuesday, April 28, 2020



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 63)*_
―――――――――――――――――――――

               _*✨तयम्मुम के मसाइल✨*_

_*💫1: मसअला : - जिसका वुजू न हो या नहाने की ज़रूरत हो और पानी पर कुदरत न हो तो वुजू और गुस्ल की जगह तयम्मुम करे पानी पर कुदरत न होने की चन्द सूरतें हैं ।*_

_*📝( 1 ) ऐसी बीमारी कि वुजू या गुस्ल से उसके ज़्यादा होने या देर में अच्छा होने का सही अन्देशा हो , चाहे उसने खुद आज़माया हो कि जब वुजू और गुस्ल करता है तो बीमारी बढ़ जाती है या यह कि किसी मुसलमान अच्छे लाइक हकीम ने जो ज़ाहिर में फासिक न हो यह कह दिया हो कि पानी नुकसान करेगा ।*_

_*💫2: मसला : - सिर्फ ख्याल ही ख्याल मर्ज़ बढ़ने का हो तो ऐसी सूरत में तयम्मुम जाइज़ नहीं यूँही काफिर , फासिक या मामूली तबीब के कहने का कोई एअतिबार नहीं ।*_

_*💫3: मसअला : - अगर पानी बीमारी को नुकसान नहीं करता मगर वुजू या गुस्ल के लिये उसके हिलने डुलने से नुकसान होता है या खुद वुजू नहीं कर सकता और कोई ऐसा भी नहीं जो वुजू करा दे तो तयम्मुम कर ले । ऐसे ही किसी के हाथ फट गये कि खूद वुजू नहीं कर सकता और कोई वुजू कराने वाला भी नहीं तो तयम्मुम करे ।*_

_*💫4: मसअला : - बेवुजू के अकसर आजाए वुजू ( यानी वज के ज्यादातर हिस्से ) में या जुनुबी ( जिस पर गुस्ल फज्र हो ) क बदन के ज्यादा हिस्सों में जख्म या चेचक हो तो तयम्मुम करे नहीं तो जो हिस्सा उज्व या बदन का अच्छा हो उसको धोये और जख्म की जगह और नुकसान के वक़्त उसके आस पास भी मसह करे और उस पर मसह करने से भी नुकसान करे तो उस उज्व पर कपड़ा डाल कर उस पर मसह करे ।*_

_*💫5: मसअला : - बीमारी में अगर ठंडा पानी नुकसान करता है और गर्म पानी से नुकसान न हो तो गर्म पानी से वुजू और गुस्ल ज़रूरी है तयम्मुग जाइज नहीं । हाँ अगर ऐसी जगह हो कि गर्म पानी न मिल सके तो तयम्मुम करे फिर अगर ठन्डे वक़्त वुजू या गुस्ल नुकसान करता है और गरम वक़्त में नहीं करता तो ठंडे वक़्त में तयम्मुम करे फिर जब गर्म वक़्त आये तो अगली नमाज के लिये वुजू कर लेना चाहिए और जो नमाज़ उस तयम्मूम से पढ़ ली उसके लौटाने की जरूरत नहीं ।*_

_*💫6: मसअला : - अगर सर पर पानी डालना नुकसान करता है तो गले से नहाये और पूरे सर का मसह करे ।*_

_*📝( 2 ) और इस हालत में भी तयम्मुम कर सकता है जब कि वहाँ चारों तरफ एक एक मील तक पानी का पता न हो ।*_

_*💫7: मसअला : - अगर यह गुमान हो कि एक मील के अन्दर पानी होगा तो तलाश कर लेना ज़रूरी है बिना तलाश किये तयम्मुम जाइज़ नहीं फिर बगैर तलाश किये तयम्मुम कर के नमाज़ पढ़ ली और तलाश करने पर पानी मिल गया तो वुजू करके नमाज़ का लौटाना ज़रूरी है और अगर न मिला तो नमाज़ हो गई ।*_


_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 50/51*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

No comments:

Post a Comment

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...