_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 17)*_
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_*💦वुजू की सुन्नतें*_
_*💎मसअला : - फिर तीन चुल्लू से तीन बार नाक में पानी चढ़ाये कि जहाँ तक नर्म गोश्त होता है हर बार उस पर पानी बह जाये और रोज़ादार न हो तो नाक की जड़ तक पानी पहुँचाये और यह दोनों काम दाहिने हाथ से करे फिर बायें हाथं से नाक साफ करे ।*_
_*💎मसअला : - मुँह धोते वक़्त दाढ़ी का खिलाल करे अगर एहराम बाँधे हुए हो तो खिलाल न करे खिलाल का तरीका यह होगा कि उंगलियों को गले की तरफ से दाखिल करे और सामने निकाले ।*_
_*💎मसअला : - हाथ पाँव की उंगलियों का खिलाल करे पाँव की उंगलियों का खिलाल बायें हाथ की छंगुलिया से करे इस तरह कि दाहिने पाँव में छंगुलिया से शूरू करे और अँगूठे पर ख़त्म करे और बायें पाँव में अँगूठे से शुरू कर के छंगुलिया पर खत्म करे और अगर बे खिलाल किये पानी उंगलियों के अन्दर से न बहता हो तो खिलाल फ़र्ज़ है यानी पानी पहुँचाना अगरचे बे खिलाल हो जैसे घाईयाँ खोलकर ऊपर से पानी डाल दिया या पाँव हौज़ में डाल दिया ।*_
_*💎मसअला : - वुजू के जो हिस्से धोने के हैं । उनको तीन - तीन बार हर मरतबा इस तरह धोये कि कोई हिस्सा न रह जाये नहीं तो सुन्नत अदा न होगी ।*_
_*💎मसअला : - अगर यूँ किया कि पहली मरतबा कुछ धुल गया और दूसरी बार कुछ और तीसरी बार कुछ कि तीनों बार में पूरा उज्व धुल गया तो यह एक ही बार धोना होगा इस तरह वुजू तो हो जायेगा लेकिन सुन्नत के खिलाफ़ है क्योंकि इसमें चुल्लूओं की गिनती नहीं बल्कि पूरा उज्व धोने की गिनती है कि उज्व का धोना तीन बार हो अगरचे कितने ही चुल्लूओं से धोना पड़े ।*_
_*💎मसअला : - पूरे सर का एक बार मसह करना और कानों का मसह करना और तरतीब कि पहले मुँह फिर हाथ धोये फिर सर का मसह करे फिर पाँव धोये अगर तरतीब के खिलाफ वुजू किया था और कोई सुन्नत छोड़ गया तो वुजू तो हो जायेगा लेकिन ऐसा करना बुरा है और अगर सुन्नते मुअक्कदा के छोड़ने की आदत डाली तो गुनहगार है और दाढ़ी के जो बाल मुँह के दायरे से नीचे हैं उनका मसह सुन्नत और धोना मुस्तहब है और वुजू के हिस्सों को इस तरह धोना कि पहले वाला उज्व सूखने न पाये ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 16/17*_
_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिनस*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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