Tuesday, April 28, 2020


  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 18)*_
―――――――――――――――――――――

_*💦वुजू के मुस्तहब्बात*_

 _*💫बहुत से वुजू के मुस्तहब भी ऊपर ज़िक्र हो चुके और जो कुछ बाकी रह गये हैं वह लिखे जाते हैं ।*_

 _*💎मसअला : - दाहिनी तरफ़ से शूरू करे मगर दोनों रुखसार कि इन दोनों को साथ ही साथ धोयेंगे ऐसे ही दोनों कानों का मसह साथ ही साथ होगा । हाँ अगर किसी के एक ही हाथ हो तो मुँह धोने और मसह करने में भी दाहिने से पहल करे । उंगलियों की पुश्त से गर्दन का मसह करना । वुजू करते वक़्त काबे की तरफ ऊँची जगह बैठना । वुजू का पानी पाक जगह गिराना । पानी गिरते वक़्त वुजू के हिस्सों पर हाथ फेरना ख़ास कर जाड़े में । पहले तेल की तरह पानी चुपड़ लेना ख़ास कर जाड़े में । अपने हाथ से पानी भरना । दूसरे वक़्त के लिये पानी भर कर रखना । वुजू करने में बगैर ज़रूरत दूसरे से मदद न लेना । अँगूठी पहने हुए हो तो उसको हिलाना जब कि ढीली हो ताकि उसके नीचे पानी बह जाये । अगर ढीली न हो तो उसका हिलाना फर्ज है । कोई मजबूरी न हो तो वक़्त से पहले वुजू करना । इत्मिनान से वुजू करना । आम लोगों में जो मशहूर है कि वुजू जवानों की तरह और नमाज बूढ़ों की तरह यानी वुजू जल्दी करे लेकिन ऐसी जल्दी न चाहिए कि जिससे कोई सुन्नत या मुस्तहब छूट जाये । कपड़ों को टपकते कतरों से महफूज रखना । कानों का मसह करते वक़्त भीगी छंगलियाँ कानों के सराख में दाखिल करना । जो आदमी पूरे तौर पर वुजू करता का कि कोई जगह बाकी न रह जाती हो उसे कोयों टखनों , एड़ियों , तल्वों , कूचों , घाईयों और कहनियों का खास तौर पर ख्याल रखना मुस्तहब है और बे - ख्याली करने वालों को तो फर्ज़ है कि अकसर देखा गया है कि यह जगहें सूखी रह जाती हैं और यह बात बे - ख्याली से होती है और ऐसी बे - ख्याली हराम है और इन बातों का ख्याल रखना फर्ज है ।*_



_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 17/18*_

_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिनस*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

No comments:

Post a Comment

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...