_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 93)*_
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_*🩸निफास का बयान*_
_*💫मसअला : - हमल साकित होने से पहले कुछ खून आया और कूछ बाद को तो पहले वाला इस्तिहाज़ा है और बाद वाला निफास यह उस सूरत में है जब कोई उज्व बन चुका हो वर्ना पहले वाला अगर हैज हो सकता है तो हैज़ है नहीं तो इस्तिहाज़ा है ।*_
_*💫मसअला : - हमल साकित हुआ और यह मालूम नहीं कि उज्व बना था या नहीं और न यह याद हो कि हमल कितने दिन का था ( कि इसी से उज्व का बनना या न बनना मालूम हो जाता यानी एक सौ बीस दिन हो गये हैं तो उज्व बन जाना करार दिया जायेगा ) और इस्कात ( गर्भ गिर जाने ) के बाद खून हमेशा को जारी हो गया तो उसे हैज़ के हुक्म में समझे कि हैज़ की जो आदत थी उसके गुज़रने के बाद नहा कर नमाज़ शुरू कर दे और आदत न थी तो दस दिन के बाद नहा कर नमाज़ पढ़े और बाकी वही अहकाम हैं जो हैज़ के अहकाम में लिखे गये है ।*_
_*💫मसअला : - जिस औरत के दो बच्चे जुड़वाँ पैदा हुये यानी दोनों के बीच छ : महीने से कम ज़माना है तो पहला ही बच्चा पैदा होने के बाद से निफास समझा जायेगा फिर अगर दूसरा चालीस दिन के अन्दर पैदा हुआ और खून आया तो पहले से चालीस दिन तक निफास है फिर इस्तिहाजा और अगर चालीस दिन के बाद पैदा हुआ तो इस पिछले के बाद जो खून आया इस्तिहाज़ा है मगर दूसरे के पैदा होने के बाद भी नहाने का हुक्म दिया जायेगा ।*_
_*💫मसअला : - जिस औरत के तीन बच्चे पैदा हुये कि पहले और दूसरे में छ : महीने से कम फासला है । यूँही दूसरे और तीसरे में छ : महीने का फासला हो जब भी निफास पहले ही से है फिर अगर चालीस दिन के अन्दर यह दोनों भी पैदा हो गये तो पहले के बाद से ज़्यादा से ज्यादा चालीस दिन तक निफास है और अगर चालीस दिन के बाद दूसरे और तीसरे बच्चे पैदा हुए तो तीसरे के बाद जो खून आयेगा यह इस्तिहाज़ा है मगर उनके बाद भी गुस्ल का हुक्म है ।*_
_*💫मसअला : - अगर दोनों में छ : महीने या ज़्यादा का फासला है तो दूसरे के बाद भी निफास है ।*_
_*💫मसअला : - चालीस दिन के अन्दर कभी खून आया और कभी नहीं आया तो सब निफास ही है अगर्चे पन्द्रह दिन का फ़ासिला हो जाये ।*_
_*💫मसअला : - इस के रंग के बारे में वही अहकाम हैं जो हैज में बयान हुए हैं ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 72*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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