Wednesday, April 29, 2020



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 87)*_
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_*🩸हैज़ का बयान*_

_*📚हदीस न . 8 : - तिर्मिज़ी और इब्ने माजा अबू हुरैरा रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो आदमी हैज वाली से या औरत के पीछे मुकाम में जिमा ( हमबिस्तरी ) करे या काहिन के पास जाये उसने उस चीज़ का कुफरान ( खिलाफ ) किया जो मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर उतारी गई ।*_

_*📚हदीस न . 9 : - रजीन की रिवायत में है कि मआज इब्ने जबल रदियल्लाहु तआला अन्हु ने अर्ज की या रसूलल्लाह  मेरी औरत जब हैज़ में हो तो मेरे लिए क्या चीज़ उस से हलाल है ? फ़रमाया तहबन्द यानी नाफ से ऊपर और उससे भी बचना बेहतर है ।*_

_*📚हदीस न . 10 : - असहाबे सुनने अरबा ने इब्ने अब्बास रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से रिवायत की कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जब कोई शख्स अपनी बीवी से हैज़ में जिमा करे तो आधा दीनार सदका करे । तिर्मिज़ी की दूसरी रिवायत उन्हीं से यूँ है कि फरमाया कि जब सुर्ख खून हो तो एक दीनार और जब पीला हो तो आधा दीनार ।*_

_*🩸हैज़ की हिकमत : - बालिगा औरत के बदन में फितरी तौर पर ज़रूरत से कुछ ज़्यादा खून पैदा होता है कि हमल की हालत में वह खून बच्चे की गिज़ा में काम आये और बच्चे के दूध पीने के ज़माने में वही खून दूध हो जाये और ऐसा न हो तो हमल और दूध पिलाने के ज़माने में उसकी जान पर बन जाये । यही वजह है कि हमल और शीरख्वारगी ( बच्चे के दूध पीने की हालत ) की इब्तिदा में खून नहीं आता और जिस ज़माने में न हमल हो न दूध पिलाना वह खून अगर बदन से न निकले तो किस्म - किस्म की बीमारियाँ पैदा हो जायें ।*_

_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 67*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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