_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 56)*_
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_*25💫मसअला : - जिसकी पैदाइश पानी में न हो मगर पानी में रहता हो जैसे बत्तख तो उसके मर जाने से पानी नापाक हो जायेगा ।*_
_*26💫मसअला : - बच्चे या काफिर ने पानी में हाथ डाल दिया तो अगर उनके हाथों का नजिस होना मालूम है जब तो जाहिर है कि पानी नजिस है नहीं तो नजिस तो नहीं है लेकिन दूसरे पानी से वुजू करना बेहतर है ।*_
_*27💫मसअला : - जिन जानवरों में बहता हुआ खून नहीं होता जैसे मच्छर और मक्खी वगैरा तो उनके मरने से पानी नजिस न होगा ।*_
_*✨फायदा : - मक्खी अगर सालन वगैरा में गिर जाये तो उसे डुबो कर फेंक दें और सालन को काम में लायें ।*_
_*28💫मसअला : - मुर्दार की हड्डी जिसमें गोश्त या चिकनाई लगी हो अगर पानी में गिर जाये तो वह पानी नापाक हो गया , कुल निकाला जाये और अगर गोश्त या चिकनाई न लगी हो तो पाक है मगर सुअर की हड्डी हर हालत में नापाक है चाहें उसमें गोश्त या चिकनाई हो या न हो ।*_
_*29💫मसअला : - जिस कुँए का पानी नापाक हो गया उसमें से जितना पानी निकालने का हुक्म है निकाल लिया गया तो अब वह रस्सी डोल जिससे पानी निकाला है पाक हो गया धोने की जरूरत नहीं ।*_
_*30💫मसअला : - कुल पानी निकालने का यह मतलब है कि इतना पानी निकाल लिया जाये कि अब डोल डालें तो आधा भी न भरे । कुँए की मिट्टी निकालने की जरूरत नहीं और न दीवार धोने की जरूरत है क्योंकि वह दीवार पाक हो गई ।*_
_*31💫मसअला : - कुँए से बीस तीस डोल या सब पानी निकालने के लिये कहा जाता है उसका मतलब यह है कि पहले उस चीज को उसमें से निकाल लें जो उसमें गिरी है फिर पानी निकालें अगर वह चीज़ उसमें पड़ी रही तो कितना ही पानी निकालें बेकार है ।*_
_*32💫मसअला : - और अगर वह सड़ गल कर मिट्टी हो गई या वह चीज़ खुद नाजिस न थी । किसी नाजिस चीज़ के लगने से नजिस हो गई हो जैसे नाजिस कपड़ा और उसका निकाल मुश्किल हो तो अब सिर्फ पानी निकालने से पाक हो जायेगा ।*_
_*33💫मसअला : - जिस कुँए का डोल ख़ास हो तो उसी का एअतेबार है उसके छोटे बड़े होने का का लिहाज़ नहीं और अगर उसका कोई खास डोल न हो तो कम से कम एक साअ ( यह एक ऐ पैमाना होता है जिसमें दो किलो पैंतालीस ग्राम गेहूँ आ जाता है ) पानी उस में आ जाये ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 45/46*_
_*📍बाकि अगले पोस्ट में*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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