Wednesday, April 29, 2020


  _*📑असबाक -ए- इबरत ( पोस्ट न. 12)*_
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_*🔥जहन्नम🔥*_

_*🕋अल्लाह तआला का इरशाद है :*_

_*📝तर्जमाः - बे - शक जहन्नम ताक में है , सरकशों का ठिकाना , उसमें करनों रहेंगे । उसमें किसी तरह की ठन्डक का मज़ा न पाएंगे और न कुछ पीने को मगर खौलता पानी और दोज़खियों का जलता पीप , जैसे को तैसा बदला । बे - शक उन्हें हिसाब का ख़ौफ़ न था ।*_

_*(📕 पारा 30 , सूरा - ए नबा , आयत 21 ता 25 )*_

_*🔥जहन्नम एक तारीक और तकलीफ देने वाला घर है , जितनी भी आफ़तें , मुसीबतें और तकलीफें हो सकती हैं वह सब उस में हैं । इन्सान जितना भी जहन्नम की आफ़तों और तकलीफ़ों के बारे में सोच सकता है वह अल्लाह तआला के अज़ाब का एक छोटा सा हिस्सा होगा । कुर्आने करीम में अल्लाह तआला ने जहन्नम से डरने और उससे बचने का हुक्म दिया है । चुनाँचे अल्लाह तआला फ़रमाता है :*_ 

_*📝तर्जमाः - तो डरो उस आग से जिसके ईंधन आदमी और पत्थर हैं तैयार रखी है काफ़िरों के लिए ।*_

_*(📕 पारा 1 , सूरा - ए बकरा , आयत 24 )*_

_*और फ़रमाता है :*_


_*📝तर्जमाः - ऐ ईमान वालो ! अपनी जानों और अपने घर वालों को उस आग से बचाओ जिसके ईंधन आदमी और पत्थर हैं , उस पर सख्त करें फ़िरिश्ते मुकर्रर हैं जो अल्लाह का हुक्म नहीं टालते और जो उन्हें हुक्म हो वही करते हैं ।*_ 

_*(📕 पारा 28 , सूरा - ए तहरीम , आयत 6 )*_

_*📚हदीस शरीफ़ में है कि जो बन्दा जहन्नम से पनाह माँगता है , जहन्नम कहता है ऐ रब ! यह मुझसे पनाह माँगता है तू इसको पनाह दे ।*_

_*📕 असबाक -ए- इबरत , सफा , 17/18/19*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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_*मुसन्निफ़ :✍🏻 मौलाना हाफ़िज़ तौहीद अह़मद खाँ रज़वी*_

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