_*📑असबाक -ए- इबरत ( पोस्ट न. 02)*_
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_*💱नुकसान में कौन ?*_
_*🕋अल्लाह तआला इरशाद फ़रमाता है :*_
_*📝तर्जमाः - ऐ ईमान वालो ! तुम्हारे माल न तुम्हारी औलाद कोई चीज़ तुम्हें अल्लाह के ज़िक्र से ग़ाफ़िल न करे और जो ऐसा करे तो वही लोग नुकसान में हैं ।*_
_*(📕 पारा 28 , सूरा - ए मुनाफ़िकून , आयत 9 )*_
_*✨इस आयते करीमा में अल्लाह तआला ने मुसलमानों को हिदायत फ़रमाई कि ऐसा न हो कि तुम दुनिया में मशगूल हो कर दीन को फ़रामोश कर दो और माल की मुहब्बत में अपने हाल ( अन्जाम )की परवाह न करो और औलाद की खुशी के लिए आख़िरत की राहतों से ग़ाफ़िल रहो । और यह भी बता दिया कि जो ऐसा करे यानी इस ख़त्म हो जाने वाली दुनिया के पीछे आख़िरत की बाकी रहने वाली नेमतों की परवाह न करे वही घाटे में है । और फ़रमाता है :*_
_*📝तर्जमाः - तुम्हारे माल और तुम्हारे बच्चे जाँच ही हैं और अल्लाह के पास बड़ा सवाब है ।*_
_*📕 असबाक -ए- इबरत , सफा , 5*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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_*मुसन्निफ़ :✍🏻 मौलाना हाफ़िज़ तौहीद अह़मद खाँ रज़वी*_
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