_*📑असबाक -ए- इबरत ( पोस्ट न. 07)*_
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_*📍मौत*_
_*💫हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का फ़रमाने आलीशान है : “ लज्जतों को मिटाने वाली ( यानी मौत ) को कसरत से याद किया करों " ।*_
_*(📕 सुनने तिर्मिज़ी )*_
_*✨इस फरमान में मौत का कसरत से ज़िक्र करने को कहा गया है ताकि इन्सान मौत को याद करके दुनिया की ख़त्म हो जाने वाली लज्जतों से किनारा कश हो जो जाए और अल्लाह तआला का फ़रमाँबरदार बन्दा बन जाए । हज़रत अनस रदिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया “ मौत को कसरत से याद करो इससे गुनाह ख़त्म हो जाते हैं और दुनिया से बे - रगबती बढ़ती हैं " ।*_
_*(📕 कन्जुल उम्माल )*_
_*📕 असबाक -ए- इबरत , सफा , 11*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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_*मुसन्निफ़ :✍🏻 मौलाना हाफ़िज़ तौहीद अह़मद खाँ रज़वी*_
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