Monday, May 4, 2020



    _*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 24)*_
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                                 *﷽*

_*🕌नमाज़ पढ़ने का तरीका*_

_*❓सवाल : - नमाज़ पढ़ने का तरीका क्या है ।*_

 _*✍🏻......जवाब : - नमाज़ पढ़ने का तरीका यह है कि बा वजू किबला रूख दोनों पांव के पंजों में चार उंग्गल का फ़ासिला करके खड़ा हो और दोनों हाथ कान तक ले जाए कि अंगूठे कान की लौ से छू जाएं इस हाल में कि हथेलियां किबला रुख हों फिर नीयत करके अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ नीचे लाकर नाफ के नीचे बांध ले और सना पढ़े ।*_

_*سٌبْحَاْ نَکَ اَلْلّٰہُمَّ وَ بِحَمْدِکَ وَتَبَارَکَ اسْمُکَ وَتَعَالٰی جَدُّکً وَلَا اِلٰهَ غَیْرُکَ*_

_*सुबहा न क अल्लाहुम्म व बिहन्दि क व तबा र कसमु क व तआला जद्दु क व लाइलाह गैरु क*_

 _*फिर तऔउज़ यानी अऊजु बिल्लाहि मिनश्शैता निरजीम फिर तसमियह यानी बिस्मिल्लाहिर्रहमानिरहीम पढ़ कर अलहम्दु पढ़े आमीन आहिस्ता कहे उसके बाद कोई सूरत या तीन आयतें पढ़े या एक आयत जो कि छोटी तीन आयतों के बराबर हो । अब अल्लाहु अकबर कहता हुआ रुकू में जाए और घुटनों को हाथ से पकड़ ले इस तरह कि हथेलियां घुटने पर हों । उंगलियां खूब फैली हों । पीठ बिछी हो और सर पीठ के बराबर हो ऊँचा नीचा न हो और कम से कम तीन बार  (سُبْحَانَ رَبَِّی الْعَظِم)“ सुब्हान रब्बियल अज़ीम " जिनको (सुब्हान रब्बियल अज़ीम) मख़रज के साथ पढ़ना न आता हो वो ''सुब्हान रब्बियल करीम''  कहे फिर (سَمِعَ اللّٰهّ لِمَنْ حَمِدَہ) "समि अल्लाहु मिन हमिदह'' कहता हुआ सीधा खड़ा हो जाए और अकेले नमाज़ पढ़ता हो तो उसके बाद (رَبَّنَا لَکَ الْحَمْد) “ रब्बना लकल हम्दु " कहे फिर अल्लाहु अकबर कहता हुआ सजदा में जाए इस तरह कि पहले घुटने ज़मीन पर रखे फिर हाथ फिर दोनों हाथों के बीच में नाक फिर पेशानी रखे इस तरह कि पेशानी और नाक की हड्डी ज़मीन पर जमाए और बाज़ओं को करवटों और पेट को रानों और रानों को पिंडलियों से जुदा रखे और दोनों पांव की सब उंगलियों के पेट किबलारू जमे हों । और हथेलियां बिछी हों और उंगलियां किबला को हों और कम से कम तीन बार (سُبْحَا نَ رًبِّیَ الْاَعْلٰی) “ सुबहान रब्बियल अअ़ला " कहे फिर सर उठाए फिर हाथ । और दाहिना कदम खड़ा करके उसकी उंगलियां किबलारुख करे और बांया क़दम बिछा कर उस पर खूब सीधा बैठ जाए और हथेलियां बिछा कर रानों पर घुटनों के पास रखे फिर अल्लाहु अकबर कहता हुआ सजदा में जाए ओर पहले की तरह सजदा करके फिर सर उठाए फिर हाथ को घुटनों पर रख कर पंजों के बल खड़ा हो जाए अब सिर्फ बिस्मिल्ला हिर्रहमानिर्रहीम पढ़ कर क़िराअत शुरू करे फिर पहले की तरह रुकू सजदा करके बायां कदम बिछा कर बैठ जाए और तशहहुद पढ़े*_

_*اَتَّحِیَّاتَ لِلّٰهِ وَالصَّلَوٰتُ وَالطَّیّبَاتُ اَلسَّلَامُ عَلَیْکَ اَیُّہَا النَّبِیُّ وَرَحْمَۃُ اللّٰهِ وَبَرَکَاتُهٗ۔ اَلسَّلَامُ عَلَیْنَا وَعَلٰی عِبَا دِ اللّٰهِ الصّٰلِحِیْن۔ اَشْہَدُ اَنْ لَّآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَاَشْہَدُ اَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُ ہٗ وَرَسُولُهٗ*_

_*“ अत्तही यातुलिल्लाहि वस्सलवातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबीयू व रहमतुल्लाहि व बर कातुहु अस्सलामु अलैना वअला अबादिल्ला हिस्सालिहीन अशहदु अललइलाह इल्लाहु व अश्हदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलहु*_

_*" तशहहुद पढ़ते हुए जब कलिमए " ला " के करीब पहुंचे तो दाहिने हाथ की बीच की उंगली और अंगूठे का हल्का बनाए और छंगुलिया और उसके पास वाली को हथेली से मिलादे और लफ्जे “ ला " पर कलिमह की उंगली उठाए मगर उसको हिलाए नहीं । और कलिमए “ इल्ला " पर गिरा दे और सब उंगलियां फौरन सीधी कर ले अब अगर दो से ज्यादा रक्अत पढ़नी है तो उठ खड़ा हो और इसी तरह पढ़े मगर फ़र्जो की उन रक्अतों में अलहम्दु के साथ सूरत मिलाना ज़रूरी नहीं अब पिछला कादा ( बैठक ) जिसके बाद नमाज खत्म करेगा उस में तशहहुद के बाद दुरुद | शरीफ़ पढ़े ।*_

 _*“ अल्लाहुम्म सल्लिअला सैय्यिदिना मुहम्मदिं वअला आलि सैय्यिदिना मुहम्मदिन कमा सल्लै त अला सय्यिदिना इब्राहीम वअला आलि सय्यिदिना इब्राहीम इन्न क हमीदुम्मजीद । अल्लाहुम्म बारिक अला सय्यिदिना मुहम्मदिव्वअला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन कमा बारक त अआ सय्यिदिना इब्राहीम व अला आलि सय्यिदिना इब्राहीम इन्न क हमीदुम्मजीद ।*_

_*👉🏻फिर दुआए मासूरा पढ़े*_

_*“ अल्लाहुम्मग फिरली वलिवालिदय्य वलिमन तवाल दवलिजमीअिल मूमिनी न वलमूमिनाति वल मुसलमीन वल मुसलमातिल अहयाइ मिनहुम वल अम्वाति इन्नक मुजीबुद्दअवाति बिरह् मति क या अरहम हिमीन ।*_

 _*" या कोई और दूसरी दुआए मासूरा पढ़े । इसके बाद दाहिने मोढे की तरफ मुंह करके अस्सलामु अलैकुम व रमतुल्लाह कहे फिर बांए तरफ़ । अब नमाज़ पूरी हो गयी ।*_

 _*🕌नमाज़ के बाद की दुआ🤲*_
_*“ अल्लाहुम्म अन्तस्सलाम वमिन कस्सलाम वइलै क यराजिउ स्सलाम फ़हैयिना रब्बना बिस्सलाम वअदखिल ना दारस्सलाम व तबारक त रब्ब्ना वतआलै त या जलजलालि वल इकराम ।*_



_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 54/55/56/57*_

_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिन*_

_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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