_*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 25)*_
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*﷽*
_*📍औरतों के लिए नमाज़ के मखसूस मसाइल*_
_*औरतें तकबीरे तहरीमा के वक़्त कानों तक हाथ न उठायें बल्कि मोढे तक उठायें हाथ नाफ के नीचे न बांधे बल्कि बाई हथेली सीना पर छाती के नीचे रख कर उसकी पीठ पर दाहिनी हथेली रखें । रुकू में ज्यादा न झुकें बल्कि थोड़ा झुकें यानी सिर्फ इस कदर कि हाथ घुटनों तक पहुंच जाए , पीठ सीधी न करें और घुटनों पर ज़ोर न दें बल्कि महज़ हाथ रख दें और हाथों की उंगलियां मिली हुई रखें और पांव कुछ झुका रखें मर्दो की तरह खूब सीधा न कर दें । औरतें सिमट कर सजदा करें यानी बाजू करवटों से मिला दें । और पेट रान से और रान पिंडलियों से पिंडलियां जमीन से । और कादा ( बैठक ) में बाए कदम पर न बैठे बल्कि दोनों पांव दाहिनी जानिब निकाल दें और बाए सुरीन ( पुट्ठा ) पर बैठे । औरतें भी खड़ी होकर नमाज़ पढ़ें । फ़र्ज़ और वाजिब जितनी नमाजें बगैर उज्र बैठकर पढ़ चुकी हैं उनकी कज़ा करें और तौबा करें । औरत मर्द की इमामत हरगिज़ नहीं कर सकती और सिर्फ औरतें जमाअत करें यह मकरूह तहरीमी और नाजायज़ है । औरतों पर जुमा और ईंदैन की नमाज़ वाजिब नहीं ।*_
_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 57/58*_
_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिन*_
_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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